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गरीबी का 'पंक्चर' जोड़ घर की गाड़ी चला रही गीतांजलि'

धमतरी के कोलियारी गांव की रहने वाली गीतांजलि साहू अपने पिता की पंक्चर की दुकान चलाती है, यही नहीं गीतांजलि टैक्ट्रर भी चलाती है और वो हर काम करती है जिस काम को करने के लिए लड़के भी कतराते है.

dhamtari ki panchar banane wali beti
पंक्चर बनाने वाली 'बेटी'

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Published : Jan 1, 2020, 2:15 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 12:34 PM IST

धमतरी: आज के इस दौर में बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं, ऐसा कोई भी काम नहीं जिसे आज बेटियां न कर पाती हो, कठिन से कठिन काम बेटियां बखूबी के साथ कर रही हैं. इसकी एक बानगी धमतरी के कोलियारी गांव में देखने को मिली.

होनहार बेटी गीतांजलि

हर काम में निपुण हैं गीतांजलि

गीतांजलि ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी एक सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखती है.यह बेटी परिवार पर बोझ नहीं है.बल्कि परिवार का बोझ उठाने के लिए कड़ी मेहनत करती है.गीतांजलि अपने पिता के पंचर की दुकान चलाती है..पढ़ाई से लेकर गृहस्थी, किसानी, दुकानदारी और ट्रैक्टर चलाने तक का काम गीतांजलि बखूबी करती है.और हर काम में पिता हमेशा उनका मनोबल बढ़ाते हैं.

बेटी हो तो गीतांजलि जैसी, हर कोई करता है तारीफ

गीतांजलि की मानें तो वे बचपन से ही अपने पिता को पंचर बनाते देखते आ रही थी.और देखते ही देखते वह भी पंचर बनाना सीख गई.वहीं उन्होंने बताया कि लोग भी उनके काम की काफी कद्र करते हैं.

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मदद मिले तो कर सकती है नाम रोशन

गीतांजलि पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करती है,लोगों का कहना है कि अगर शासन-प्रशासन ऐसी होनहार बेटियों की मदद करें तो ऐसी बेटियां गांव,राज्य और देश का नाम रोशन जरूर करेंगी.

Last Updated : Jan 2, 2020, 12:34 PM IST

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