धमतरी: झीरम घाटी कांड को करीब 7 साल हो गए हैं. इसके बाद भी इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है.कांग्रेस की ओर से विधानसभा के अंदर और बाहर लगातार जांच की मांग की जाती रही है. अब प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है और यह सरकार एसआईटी का गठन कर मामले की जांच भी कर रही है. लेकिन राज्य सरकार को एनआईए ने दस्तावेज नहीं दिया है. जिसके बाद एक बार फिर इस मामले ने सियासी रंग ले लिया है.
झीरम घाटी हमले को लेकर धमतरी जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन भाजपा और वर्तमान केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह और केंद्र सरकार ने झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हुए नरसंहार की जानबूझकर सीबीआई जांच नहीं कराई गई. साथ ही सीबीआई जांच न होने की सूचना देकर उल्टा गुमराह किया गया. कांग्रेस ने कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एनआईए जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया.
कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी कभी नहीं चाहती कि झीरम षड़यंत्र की जांच हो क्योंकि भाजपा को डर है कि कहीं झीरम हमले में सुपारी किलिंग की कलाई न खुल जाए. कांग्रेस का यह भी आरोप है कि भाजपा नेताओं का नक्सलियों के साथ संबंध रहा है, इसलिए झीरम षड्यंत्र की जांच नहीं हो रही है. बता दें, 25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के 13 वरिष्ठ नेता सहित करीब 29 लोगों ने अपनी जान गवाईं थी.