धमतरी: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नेक पहल सामने आई है. चकमक अभियान के तहत मिले वीडियो और ऑडियो को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से बच्चों के घरों में जाकर अभिभावकों के स्मार्टफोन में फॉरवर्ड किया जा रहा है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है.
चकमक अभियान के तहत बच्चों का हो रहा मनोरंजन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. इन केंद्रों में प्रदेश सरकार ने 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए यूनिसेफ के सहयोग से चकमक अभियान और सजग कार्यक्रम की शुरुआत की है.
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सजग कार्यक्रम के तहत अभिभावकों के विभाग से मिले ऑडियो संदेश को सुपरवाइजर और कार्यकर्ता की ओर से उनके स्मार्टफोन में भेजा जा रहा है, जिसमें बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन होने पर सजग रहने, उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने और उनकी कला क्षमता को विकसित करने जैसे तमाम संदेश हैं. इसके अलावा वीडियो में बाल गीत, कविता और कहानियों को बेहद रोचक तरीके से प्रस्तुत की गई है.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, 'बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा रहे हैं ऐसे में यह पहल बच्चों के लिए मजेदार साबित हो रही है'.वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि, 'योजना शुरू होने के बाद से जिले में अब तक 5,243 अभिभावकों को ऑडियो और वीडियो संदेश फोन पर उपलब्ध कराया जा चुका है'. उन्होंने कहा कि 'आगे भी बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए इस तरह से प्रयास किए जाएंगे'.