धमतरी: रायपुर-धमतरी नैरो गेज लाइन को साल 1994 से ब्रॉडगेज में बदलने का इंतजार है. 1994 में इस छोटी रेल लाइन को बड़ी रेल लाइन में बदलने के लिए सर्वे हुआ था लेकिन वर्षों बात सर्वे से आगे नहीं बढ़ी. 6 महीने पहले उम्मीद की किरण जागी थी जब विधानसभा की आदर्श आचार संहिता लगने से पहले तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ब्रॉडगेज का शिलान्यास किया था लेकिन न तो अब काम शुरू हुआ और न ही कोई सुगबुगाहट नजर आ रही है.
ब्रॉडगेज लाइन का काम नहीं हुआ शुरू छोटी रेल लाइन को करीब 544 करोड़ की लागत से ब्रॉडगेज में बदला जाना है. घोषणा के बाद रेलवे की जमीन से कब्जा हटाने की कवायद जरूर की गई लेकिन अब वो भी ठंडे बस्ते में चली गई. वहीं अतिक्रमण के कुछ मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है ऐसे में बड़ी रेल लाइन का सपना अधूरा ही दिख रहा है.
आंदोलन के साथ टूट रही उम्मीद
शहर के लोगों ने इसके लिए कई आंदोलन किए. हर बार रेल बजट से आस लगाए रखी लेकिन मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं आया. केंद्र में सरकारें बदलती रहीं लेकिन किसी का ध्यान धमतरी रेलवे स्टेशन नहीं खींच सका. आंदोलन करते थक चुके शहरवासी हर साल रेल बजट के पहले ही उम्मीद के साथ आंदोलन करतें है कि धमतरी बड़ी रेललाइन का मामला बजट में शामिल हो जाए लेकिन ऐसा नहीं होता था.
विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जब भूमिपूजन यहां किया था तो उम्मीद बंधी थी कि अब काम तेजी से आगे बढ़ेगा. इस बीच रायपुर-धमतरी नैरोगेज रेल लाइन को ब्रॉडगेज में तब्दील करने के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की गई. इसके लिए धमतरी सहित कुरूद तहसील में जमीन अधिग्रहण की घोषणा को लेकर अधिसूचना जारी हुई.
इस बीच रेलवे ने शहर में अतिक्रमण की घई जमीनों को कब्जा मुक्त करने के लिए अभियान चलाया और बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण भी हटाया. इसी दरम्यान कई पीड़ितों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर फिलहाल सुनवाई चल रही है. इधर भाजपा नेताओं का कहना है कि बहुत जल्द ही ब्रॉडगेज का काम शुरू कर दिया जाएगा. आचार संहिता के वजह से यह काम अटका पड़ा हुआ था.
कलेक्टर ने क्या कहा ये भी जान लीजिए.
उम्मीद है कि जल्द से जल्द धमतरी के लोगों को बड़ी रेल लाइन मिले, जिससे न सिर्फ सुविधाओं का विस्तार हो बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.