दंतेवाडा : डंकिनी-शंखनी नदी दंतेवाड़ा की गंगा मानी जाती है. मां दंतेश्वरी के चरणों को धोती हुई यह नदी बह रही है. लेकिन इस 'गंगा' को नगरपालिका प्रदूषित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है. बस स्टैंड के पीछे स्थित सार्वजनिक शौचालय का मल-मूत्र नदी में जा रहा है जिसकी खबर होते हुए भी नगरपालिकाल चैन की नींद सो रहा है.
नगरपालिका की लापरवाही से दूषित हो रही 'दंतेवाड़ा की गंगा' बस स्टैंड के पास निवासरत लोगों ने कई बार अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाई लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो सका. अहम बात यह है कि यही पानी संगम तक पहुंचता है. इसी जल से श्रद्धालु स्नान करते हैं और अपने घरों में भी बोतलों में लेकर जाते हैं.
रहवासियों को होती है दिक्कतें
रहवासियों का कहना है कि नगरपालिका लोगों को दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर कर रहा है. इस संदर्भ में CMO मोइन अली से संपर्क करने की कोशिश की गई. नगरपालिका कर्मचारियों ने बताया कि वे अवकाश पर हैं.
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नेताओं और अधिकारियों ने नहीं ली सुध
बता दें कि नवरात्रि, फागुन, मड़ई और विशेष त्योहार पर रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि 'शौचालय का गेट भी घरों के ठीक सामने है. घर से निकलने के दौरान आंखे नीचे कर निकलना पड़ता है'. आराध्य देवी की धरती होने की वजह से यहां 12 माह भीड़ रहती है. ये दर्द सालों से झेल रहे हैं. न ही नेताओं ने दर्द को समझा और न ही अधिकारियों ने सुध ली'.