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दंतेवाड़ा: मानवाधिकार दिवस पर 3 इनामी समेत 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण - Government Rehabilitation Policy

दंतेवाड़ा पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. मानवाधिकार दिवस पर लोन वर्राटु (घर वापस आइये) अभियान के तहत 3 इनामी समेत 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. पुनर्वास नीति के तहत उन्हें 10 हजार रुपए की नगद प्रोत्साहन राशि दी गई.

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3 इनामी समेत 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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Published : Dec 10, 2020, 11:05 PM IST

दंतेवाड़ा:पुलिस को नक्सल मोर्चे के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस लगातार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लोन वर्राटु (घर वापस आइये) अभियान चला रही है. मानवाधिकार दिवस पर अभियान के तहत 3 इनामी समेत 10 नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव और कलेक्टर दीपक सोनी के समक्ष समर्पण किया है.

3 इनामी समेत 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

पढ़ें:बस्तर पुलिस के इस अभियान से नक्सलवाद छोड़ रहे आदिवासी

समर्पण करने वाले नक्सलियों में 8 लाख के इनामी नक्सली बामन सोढ़ी गंगालूर एरिया कमेटी का कम्पनी नंबर 2 का सदस्य भी शामिल है. बामन सोढ़ी ने बताया कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा से वह बहुत परेशान हो गया था. मुख्यधारा में जुड़ने का प्रयास कर रहा था. इसके लिए उसने गांव वालों के संपर्क किया था.

पढ़ें:SPECIAL: बस्तर पुलिस का 'लोन वर्राटू' अभियान, घर वापसी की ओर बढ़ रहे नक्सली

एसपी अभिषेक पल्लव से उसने संपर्क कर मुख्यधारा में जुड़ कर विकास कार्य करने की इच्छा जाहिर की थी. पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव ने मानव अधिकार दिवस के दिन उससे आत्मसमर्पण करवाया. शासन की चलाई जा रही पुनर्वास नीति के तहत उन्हें 10 हजार रुपए की नगद प्रोत्साहन राशि दी गई. पुलिस प्रशासन ने अब तक लोन वर्राटु अभियान के तहत 58 इनामी नक्सलियों समेत कुल 218 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं. उन्हें उनकी इच्छा अनुसार काम दिए जा रहे हैं.

क्या है लोन वर्राटू अभियान ?

लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने पुलिस ने आत्मसमर्पण के फायदे के बैनर पोस्टर के साथ ही नक्सलियों के नामों की लिस्ट भी जिले के हर गांव पंचायत में लगाई है. ग्रामीण अपने परिवार के वे लोग जो नक्सल संगठन से जुड़े हैं उनको वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस के पास ला रहे हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

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