दंतेवाड़ा:नक्सल मोर्चे पर पुलिस को बड़ा झटका लगा है. लोन वर्राटू अभियान में सरेंडर करने वाली एक महिला नक्सली ने पुलिस लाइन ट्रांजिट बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 19 फरवरी को महिला नक्सली पांडे कवासी ने पांच अन्य साथियों के साथ सरेंडर किया था. इधर इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई. सर्व आदिवासी समाज ने पुलिस से शव लेने से इनकार कर दिया है.
दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण कर हाल ही में समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुकी पूर्व महिला नक्सली पांडे कवासी ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली. आत्मसमर्पित महिला नक्सली पांडे कवासी ने कारली पुलिस लाइन के ट्रांजिट बैरक में फांसी लगाकर खुदकुशी की. उसने हफ्ते भर पहले आत्मसमर्पण किया था. महिला नक्सली के सुसाइड का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. फिलहाल पुलिस उसके आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है.
19 फरवरी को किया था सरेंडर
महिला नक्सली पांडे कवासी ने 19 फरवरी को अन्य इनामी नक्सली साथियों के साथ लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया था. आत्मसमर्पण करने के बाद से पांडे कवासी डीआरजी कार्यालय के महिला विश्राम कक्ष में अन्य महिला नक्सली जोगी कवासी के साथ रह रही थी. इस दौरान दो महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात थीं.
बाथरूम में लटका मिला शव
मंगलवार दोपहर बाद पांडे कवासी नहाने चली गई. इसकी जानकारी उसने जोगी कवासी और अन्य दो महिला पुलिस कर्मियों को दी थी. जब लगभग 20 मिनट बाद भी पांडे कवासी बाथरूम से बाहर नहीं निकली, तब जोगी कवासी और अन्य दो महिला आरक्षकों ने दरवाजे को धक्का देकर खोला. वहां उन्होंने देखा कि पाण्डे कवासी ने खिड़की के सहारे गमछे से फांसी लगा ली है.
सरेंडर के तीन दिन बाद महिला नक्सली ने की आत्महत्या
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