बस्तर की विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडाई की शुरुआत बसंत पंचमी से शुरू होती है. इस रश्म के दौरान मंदिर के पुजारी मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं. सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद नवग्रहों की पूजा अर्चना कर त्रिशूल खम्ब को गाड़ा जाता है.
VIDEO: बसंत पंचमी से शुरू हुई फागुन मंडाई, ऐसा है विधान - फागुन
दंतेवाड़ा: बसंत पंचमी के अवसर पर डेरी गड़ई से फागुन मंडाई की शुरुवात हुई है. माई दंतेश्वरी के द्वार पर डेरी गड़ई की रश्म की अदायगी हुई. इस रश्म के साथ ही चलने वाला दक्षिण बस्तर का फागुन मंडाई की शुरुआत भी आज से हो गई है. परम्परा के अनुसार गरुड स्तंभ के सामने पूर्ण विधि विधान से त्रिशूल खम्ब को स्थापित किया गया.
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त्रिशूल खम्ब गाड़ने के बाद शाम को मंदिर से माई जी की छत्र निकाली जाती है. इस छत्र की नगर के मुख्य चौराहे पर पूजा की जाती है. इस दौरान पुलिस जवानों के द्वारा सलामी भी दी जाती है.