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'लाल आतंक' का काला सच, मासूमों को नफरत का पाठ पढ़ा रहे नक्सली

नक्सली खुद को मजबूत करने के लिए छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं. आश्रम हो या पोटाकेबिन यहां के बच्चों को अब नक्सली अपने संगठन से जोड़कर तैयार कर रहे हैं.

मासूमों को नफरत का पाठ पढा़ रहे नक्सली

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Published : Apr 25, 2019, 1:52 PM IST

दंतेवाड़ा:नक्सली खुद को मजबूत करने के लिए छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं. आश्रम हो या पोटाकेबिन यहां के बच्चों को अब नक्सली अपने संगठन से जोड़कर तैयार कर रहे हैं. नक्सली इन बच्चों का ब्रेन वाश कर अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं.

मासूमों को नफरत का पाठ पढा़ रहे नक्सली

बीते कुछ महीने से मुठभेड़ के दौरान या फिर गिरफ्तारी के दौरान हमेशा देखने को मिला है कि नाबालिग छात्र भी बड़े नक्सलियों के साथ नजर आते हैं. इनमें से अधिकांश नाबालिग स्कूल आश्रम या पोटाकेबिन के छात्र होते हैं. इन बच्चों का ब्रेनवाश कर नक्सली इन्हें अपनी विचारधारा से प्रभावित कर रहे हैं.

नक्सली बच्चों को सिखाते हैं आईईडी प्लांट करना
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बीते कुछ महीने में पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान बच्चों व किशोरों को नक्सलियों की मदद करते पकड़ा है. नाबालिग होने के वजह से इन बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया जाता है. नक्सली इन्हें अपनी विचारधारा से तो जोड़ ही रहे हैं साथ ही इन्हें आईईडी प्लांट करना और बनाने जैसे कई तरीके सिखाये जा रहे हैं.

नक्सलियों का छात्र संगठन मौजूद है
साथ ही अधीक्षक ने बताया कि जो बच्चे गिरफ्तार हुए हैं, वो कटेकल्याण एरिया और भैरमगढ़ एरिया से गिरफ्तार किए गए हैं, क्योंकि इन दोनों इलाकों में नक्सलियों के छात्र संगठन मौजूद हैं और हाल ही में छात्र संगठन का कमांडर वर्गीश एनकाउंटर में मारा गया है.

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