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दंतेवाड़ा: जिगर के टुकड़े को खोने के दर्द में पिता ने दो नक्सली बेटों का कराया सरेंडर

नक्सलगढ़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने समर्पण किया है. मारजूम, चिकपाल, जंगमपाल जैसे इलाके से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में समर्पण हुआ है.

दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने किया समर्पण

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Published : Oct 20, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 12:02 AM IST

दंतेवाड़ा:कटेकल्याण के चिकपाल कैंप में 28 नक्सली के समर्पण के दौरान दो सगे भाइयों ने भी सरेंडर किया है. 70 साल के बुजुर्ग गगरुराम मंडावी अपने दो बेटों को लेकर कैंप पहुंचा. उसने SP डॉ अभिषेक पल्लव से कहा कि नक्सलियों के कारण मेरा एक बेटा मारा गया. अब वो अपने और दो बेटों को नहीं खोना चाहता है'. बता दें कि 14 अक्टूबर को तुलसी डोंगरी में हुए एनकाउंटर में गगरुराम का बेटा कोसाराम मारा गया था.

दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने किया समर्पण

सुकड़ा और हड़मा का कराया सरेंडर
गगरू राम ने अपने बेटे सुकड़ा और हड़मा का चिकपाल कैंप में समर्पण कराया. मारजूम के रहने वाले बुजुर्ग गगरू राम को CEO ने 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी है.

पहली बार बड़ी खेप में हुआ समर्पण
मारजूम, चिकपाल, जंगमपाल जैसे इलाके से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में समर्पण हुआ है. सुरनर गायता पारा का रहने वाला कमांडर राजू मिडकोम के समर्पण के बाद कटेकल्याण एरिया कमेटी टूट गई है. राजू मिडकोम के साथी नक्सली और उसने जो नक्सली भर्ती कराए थे, वो सारे मुख्य धारा में लौट आए है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चिकपाल में कैंप स्थापित होने से गांव के लोंगो में सुरक्षा का भाव पैदा हुआ है.

Last Updated : Oct 21, 2019, 12:02 AM IST

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