गोलापारा में करीब 70 से 80 परिवार रहते हैं, जिसमे कुल 350 से अधिक लोग रहते हैं. यहां रहने वालों को न तो पीने का पानी नसीब है, न यहां सड़क है और न ही बिजली की सुविधा है. ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची, तो स्कूल की हालत खराब मिली. यहां कक्षाएं भी एक कमरे में लगती हैं.
कभी इधर भी नजर डालो सरकार, विकास से कोसों दूर है दंतेवाड़ा का ये गांव - पानी की समस्या
छत्तीसगढ़ में विकास की बात करने वाले अगर जिले के मोखपाल पंचायत के गोलापारा गांव आ जाएं, तो खुद उनके होश फाख्ता हो जाएंगे. यहां ग्रामीण सड़क, बिजली, पानी और शौचालय जैसी सुविधाओं से भी मरहूम हैं.
नलकूप से निकलता लाल पानी
नहीं सुनी गई परेशानी
इस स्कूल में एक छत के नीचे कुल 11 बच्चे पढ़ाई करते हैं. स्कूल भवन का काम काफी वक्त से अधूरा पड़ा हुआ है. पारा में 4 से 6 हैंडपंप हैं, जिनसे आयरनयुक्त लाल पानी निकलता है. जिसे पीना ग्रामीणों की मजबूरी है. बिजली भी लोगों से दिनभर आंख-मिचौली खेलती रहती है. कभी आई और गई, गई तो कब आएगी पता नहीं.
गांववालों का कहना है कि कई बार उन्होंने जिम्मेदारों के सामने अपनी परेशानी रखी लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है.