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पांच लाख रुपए के इनामी सहित चार माओवादियों का आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित होकर पांच लाख रुपए इनामी सहित चार माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.

Four Maoists surrender
चार माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया

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Published : Aug 26, 2021, 8:32 PM IST

दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर 5 लाख रुपए के इनामी सहित चार माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. दंतेवाड़ा में लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित होकर खूंखार नक्सली जिन पर हत्या, आगजनी, विस्फोट और फोर्स पर फायरिंग जैसे जघन्य अपराध है. पुलिस इन सभी की पहले से ही तलाश कर रही थी लेकिन चारों ने खुद आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.

माओवादी का आत्मसमर्पण

जानकारी के मुताबिक इनमें से एक महिला और एक पुरुष पांच लाख का इनामी माओवादी है. दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित और नक्सलवाद की खोखली विचारधारा से तंग आने के बाद 5 लाख के इनामी मिलिशिया कमांडर चीफ और एरिया कमेटी सदस्य बुधरा सोड़ी है, जो कटेकल्याण थाना क्षेत्र में हत्या, लूटपाट, आगजनी, आईडी विस्फोट जैसी घटनाओं में शामिल रह चुके हैं.

लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित होकर चार माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

वहीं बारसूर थाना क्षेत्र में एक लाख की इनामी महिला नक्सली मनकी अलामी ने भी मुख्यधारा में जुड़ने का फैसला लेते हुए पुलिस अधिकारियों के समक्ष समर्पण किया है. यह नक्सल संगठन सीएनएम अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थी, जो गीत- संगीत के माध्यम से गांव में लोगों को नक्सलवाद के बारे में बताने और नक्सली संगठन में जुड़ने के लिए प्रेरित करने काम करती थी. इनामी नक्सलियों के ऊपर एसपी अभिषेक पल्लव ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.

सफल हो रही योजना

लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बनाकर बस्तर के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैम्प खोलने का काम कर रही है. जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुई है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है.

अभी भी संभाग के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी ऑपरेशन चला रही है, साथ ही पुलिस ने अपने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया है. पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

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