दंतेवाड़ाःछत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dhantewada) में एक धर्मांतरण किए (Dharmantarit) ग्रामीण ( villager) की लंबे समय से बीमार होने के कारण मौत हो गई. लेकिन मौत के बाद एक अलग ही ड्रामा (Drama) शुरू हो गया. धर्मांतरण (Dharmantaran) के कारण मृत ग्रामीण (villager) का अंतिम संस्कार विवाद (funeral dispute) का कारण बन गया. गांव के लोगों ने मृतक को दफनाने को लेकर विवाद खड़ा कर दिया. हालांकि काफी देर हंगामे के बाद आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार पूरे गांव को बकरा, मुर्गा और दारू खिलाने की मंजूरी के बाद शव दफनाने दिया गया.
ये पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत पांडेवार (Gram panchayat pandewar) के आश्रित ग्राम गोदपाल (Godpal)का है. जहां एक स्थानीय ग्रामीण की लंबे समय से बीमारी के बाद मौत हो गई. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ना होने देने के लिए पंडेवार व गोदपाल इकट्ठे होकर विरोध करने लगे.
पत्नी गांव में शव दफनाने की कर रही थी जिद्द
इधर, मृतक की पत्नी गांव में ही शव को दफनाने पर अड़ी रही, जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि मृतक परिवार व ग्रामीणों के बीच तकरीबन 4 घंटे तक बहस होती रही. इस बीच शव भारी बारिश में पड़ा रहा.