दंतेवाड़ा:छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जेसीसी (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी रविवार को लगातार दूसरे दिन भी बैलाडीला में चल रहे स्थानीय आदिवासियों के जनआंदोलन को अपना समर्थन दिया.
आदिवासी आंदोलन को जोगी का समर्थन आदिवासियों के साथ डटे हैं अजीत जोगी
आदिवासीयों की आस्था का प्रतीक नंदराज और पिट्टूर्मेटा देवता के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे दक्षिण बस्तर के तीन जिलों दंतेवाड़ा,बीजापुर और सुकमा से आए आदिवासियों के आंदोलन का अजीत जोगी ने साथ दिया.
हजारों की संख्यां में प्रदर्शन कर रहे आदिवासी
बता दें कि पिछले तीन दिनों से बैलाडीला में एनएमडीसी कार्यलय के सामने हज़ारों की संख्या में आदिवासी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि 'वो अपने जल, जंगल और जमीन को किसी को नहीं देंगे'. वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीमडीसी के संयुक्त उपक्रम की खदान क्रमांक 13 का ठेका अडानी कंपनी को दे दिया है, आदिवासी जिसका विरोध कर रहे हैं.
'धरना स्थल पर डटे रहे जोगी'
गांववालों का कहना है कि 'इन पहाड़ों में उनके देवता नंदराज का वास है और वे अपनी आस्था के प्रतीक बैलाडीला पहाड़ों को किसी को सौपना नहीं चाहते. बैलाडीला में अजित जोगी आंदोलनकारियों के साथ सुबह से ही धरना स्थल पर डटे रहे. मामले को गहराई से समझने के लिए अजीत जोगी ने खदान क्रमांक-13 में पिट्टूर्मेटा जाने की इक्छा जताई, जिसपर पुलिस और जिला प्रशासन ने इजाजत देने के इंकार कर दिया'.
व्हीलचेयर से तय किया दो किलोमीटर का सफर
पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्र का हवाला देते हुए इलाके में नक्सली गतिविधियां होने की बात कही और जोगी को ग्राउंड जीरो पर जाने से रोक दिया. इस दौरान गांववालों का साथ न छोड़ने की बात कहते हुए अजीत जोगी ने 2 किलोमीटर पथरीले रास्तों का सफर व्हीलचेयर पर तय कर देवगुड़ी के दर्शन किए.
'कांग्रेस ने दोस्त को दी खुदाई की इजाजत '
अजीत जोगी ने ग्राउंड जीरो के निरक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'लौह अयस्क भंडार-13 मेरा है तेरा नहीं, जो जिसे चाहे उसे दे दो और आदिवासियों की बर्बादी पर हस्ताक्षर कर दो'. अजीत जोगी ने कहा कि 'ये दोनों सरकार सिर्फ उद्योपतियों की हैं और भाजपा की रमन सरकार ने हमारे पूजनीय पहाड़ को अडानी को देने की मंशा जाहिर की पर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने दोस्त अडानी को खुदाई की अनुमति दे दी.
'पर्यावरण को नष्ट करने में नहीं छोड़ी कोई कसर'
जोगी जी आगे कहा कि 'सरकार न सिर्फ आदिवासियों की आस्था के साथ खेल रही है बल्कि, पर्यावरण को भी नष्ट करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वनमंत्री ने 25 हजार पेड़ों की कटाई के आदेश तो जारी किए ही, लेकिन एक औद्योगिक घराने को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बैलाडीला की पहाड़ियों में पेड़ों में आग लगा दी'.
'पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा'
अजीत जोगी जी ने कहा कि 'जब हम अयोध्या में रामलाल के पूजा का अधिकार रखते हैं, तो हम आदिवासियों को हमारी पिट्टूर्मेटा के दर्शन से क्यों रोका जा रहा है'.