बिलासपुर :साल 1981 में राज बब्बर और अनीता राज अभिनीत एक मशहूर फिल्म आई थी. फिल्म का नाम था प्रेम गीत (Prem Geet). इसका एक गाना उन दिनों काफी चर्चित था....होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो... ना उम्र की सीमा हो ना जन्मों का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तब देखे केवल मन....उन दिनों हर किसी की जुबान पर इस गीत के बोल होते थे. आज एक बार फिर से इस गीत का जिक्र इसलिए क्योंकि एक बार फिर से उम्र और जन्मों का फासला तोड़कर एक युवक ने एक महिला से ही दिल लगा लिया. उसपर प्यार का पागलपन इस कदर हावी हुआ कि वह अपने दोस्त की पत्नी (Friend's Wife) से ही प्यार कर बैठा और एक दिन उसे लेकर भागने लगा. हालांकि इसमें उस युवक और महिला दोनों की रजामंदी थी. फिर क्या था इसी पर बीच चौराहे शुरू हो गई मारपीट.
यह है पूरा मामला
हुआ कुछ ऐसा कि शहर के दीनदयाल कॉलोनी (Deendayal Colony) में रहने वाले इस प्रेमी युवक की दोस्ती कस्तूरबा नगर (Kasturba Nagar) में रहने वाले एक युवक से थी. उसका अपने दोस्त के घर लगातार आना-जाना था. इसी आन-जान और मेल-मुलाकात के दौरान उसका अपने दोस्त की पत्नी से कब नैन मटक्का शुरू हो गया, यह उसे भी पता नहीं चला. धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गया. इस प्रेम का भूत उन दोनों के सिर पर इस कदर सवार हुआ कि दोनों एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाने लगे. अचानक एक दिन दोनों ने घर से भाग जाने का प्लान बनाया और निकल पड़े.