बिलासपुर:बीते दिनों हुई मल्लिका बल की गिरफ्तारी मामले पर स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने महाधिवक्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस की ओर से बीते दिनों की गई कार्रवाई महाधिवक्ता के इशारे पर हुई है. आगे उन्होंने कहा कि कुंदन सिंह ठाकुर की शिकायत पर बीते दिनों कारण बताओ नोटिस महाधिवक्ता को जारी किया था. यह पुलिसिया कार्रवाई उसी का परिणाम थी.
बता दें कि 2015 स्टेट बार काउंसिल चुनाव में मल्लिका बल पर बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. वर्तमान में मल्लिका बल स्टेट बार काउंसिल में सहसचिव के पद पर पदस्थ हैं. मामले को लेकर तब बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में मल्लिका बल के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई थी.
मल्लिका बल ने जिला अदालत में की जमानत याचिका दायर
शिकायत दर्ज कराने के 5 साल बाद अचानक 12 जून को बिलासपुर पुलिस ने मल्लिका बल को गिरफ्तार किया था. उन्हें उनके निवास स्थान से हिरासत में लेकर महिला थाने में ले जाया गया था. जहां पर कुछ देर तक पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. वहीं दूसरी ओर गिरफ्तारी के बाद मल्लिका बल ने जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे बीते मंगलवार को जज पंकज जैन की बेंच ने स्वीकार कर लिया है.
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वहीं अपने खिलाफ दर्ज हुई FIR को निरस्त कराने के लिए मल्लिका बल ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसपर जस्टिस संजय के अग्रवाल कि सिंगल बेंच ने निजी कारण बताते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया है.
क्या था पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक पांच साल पहले छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इस दौरान मतपत्रों को स्टेट बार कार्यालय में रखा गया था. बार काउंसिल के चुनाव में वरीयता क्रम में वोट डाले गए थे. जिसके बाद मतगणना के पहले चरण में प्रथम वरीयता वोटों की गिनती की गई थी. वहीं दूसरे चरण में दूसरी वरीयता की मतगणना हुई थी. इसी क्रम में मतगणना के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आया था.