बिलासपुर: कोरोना महामारी से देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है. इस संकट का असर सभी कारोबार पर देखने को मिला है. छपाई का कारोबार पहले से ही बढ़ते डिजिटल चलन के कारण डगमगाया हुआ था और अब कोरोना संकट की वजह से यह कारोबार बुरी तरह से चरमरा गया है. शादियों का सीजन निकल गया, स्कूल-कॉलेज भी बंद पड़े हैं और अब धार्मिक आयोजन भी नहीं हो रहे, इन सभी चीजों ने प्रिंटिंग कारोबारियों की कमर तोड़ दी है.
बिलासपुर शहर के दर्जनों प्रिंटिंग कारोबारियों के कारोबार का जायजा लेने जब ETV-भारत की टीम पहुंची तो इन कारोबारियों का हाल खास्ता दिखा. कारोबार लगभग चौपट होने से चिंता की लकीरें साफ-साफ कारोबारियों के माथे पर दिख रही थी. इन कारोबारियों का कहना है कि बाजार में डिमांड लगभग समाप्त है,लिहाजा उनका कारोबार चौपट हो गया है.
कारोबारियों ने बताया कि यह समय त्यौहारों का था और लोग बड़े ही शौक से इन दिनों कार्ड वगैरह छपवाते थे, लेकिन इस साल कोरोना के भय और जरुरी बंदिशों के कारण बाजार में डिमांड शून्य हो गया है.जिसका खामियाजा वो भुगत रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि बड़े कारोबारियों ने या तो अपने कर्मचारियों को मजबूरन बाहर का रास्ता दिखा दिया है या फिर गंभीर आर्थिक संकट के बीच वो जैसे-तैसे अपने कर्मचारियों का पेट पाल रहे हैं.
बढ़ते डिजिटलाइजेशन ने धंधा किया मंदा
दूसरी ओर छपाई का कारोबार बढ़ते डिजिटलाइजेशन के कारण भी मंदा हुआ है. कारोबारी बताते हैं कि लोग अब डिजिटल कार्ड और डिजिटल इन्विटेशन कार्ड को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं. विभिन्न ऐप से कागजों पर रिकॉर्ड मेंटेन करने का चलन भी बड़ी तेजी से घट चुका है. डिजिटल उपयोग का बढ़ता चलन आकर्षक, आसान और सस्ता भी है. इस तरह नए दौर में छपाई का कारोबार चारों तरफ से कमजोर हो रहा है. कारोबारियों ने शासन-प्रशासन से इन विषम परिस्थितियों में ETV-भारत के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है.