छत्तीसगढ़ की भूमि का रहूंगा हमेशा ऋणी: SC जस्टिस प्रशांत मिश्रा
सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने बिलासपुर को अपनी कर्मभूमि बताते हुए जज के रूप में अपने पहले दिन को याद किया. उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ की भूमि का कर्ज कभी नहीं चुका पाएंगे. Prashant Kumar Mishra in bilaspur
बिलासपुर अधिवक्ता संघ का सम्मान समारोह
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Published : Jun 9, 2023, 10:22 AM IST
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Updated : Jun 9, 2023, 10:30 AM IST
बिलासपुर: सुप्रीमकोर्ट के नवनियुक्त जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा गुरुवार को बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे. यहां वे जिला अधिवक्ता संघ के अभिनंदन सम्मान समारोह में शामिल हुए. सम्मान समारोह का आयोजन लखीराम ऑडिटोरियम में किया गया था. जस्टिस मिश्रा को श्रीफल और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज प्रशांत मिश्रा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं छत्तीसगढ़ की धरती का हमेशा ऋणी रहूंगा.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा बिलासपुर हाई कोर्ट में एक्टिंग जस्टिस रहे हैं. मिश्रा हाई कोर्ट में शुरुआत में वकील फिर जज नियुक्त हुए. सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त के बाद वे गुरुवार को जिला बार अधिवक्ता संघ के सम्मान समारोह में पहुंचे. कार्यक्रम में हाईकोर्ट जस्टिस संजय के अग्रवाल, संजय श्याम अग्रवाल भी शामिल हुए थे.
बिलासपुर मेरी कर्मभूमि: अपने उद्बोधन में जस्टिस प्रशान्त मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ से पहली बार किसी जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट का जज बनने का मौका मिला है. कोलेजियम ने छत्तीसगढ़ के एक जस्टिस को यह सम्मान दिया है. मैं बहुत आभारी हूं. बिलासपुर मेरी कर्मभूमि है. मैं इसका कर्ज कभी नहीं चुका सकता. जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं अपनी कर्मभूमि का कुछ अंश चुकाने की कोशिश करुंगा. प्रशांत मिश्रा ने आगे कहा कि नकारात्मकता की जीवन में कोई जगह नहीं है. हर काम किसी फल की इच्छा से नहीं करना चाहिए. भगवान पर भरोसा रखकर अपना काम करें तो उसका फल अवश्य कभी न कभी मिलता ही है.
जस्टिस मिश्रा ने जज के रूप में अपने पहले दिन को किया याद:मिश्रा ने बताया कि जैसे ही जज के रूप में नियुक्ति की सूचना मिली मुझे लगा ये मुझे बिलासपुर के लोगों से शेयर करना चाहिए. यहां के हर एक वर्ग के लोगों को मुझसे न्याय की उम्मीद है. मैं उम्मीद पर खरा उतरने का प्रयास हमेशा करुंगा. जस्टिस मिश्रा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में पहले ही दिन मेरा मोबाइल बज उठा, ये वाक्या देशभर में फैल गया था. सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले जस्टिस मिश्रा आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे. इसके बाद सुप्रीमकोर्ट के कोलेजियम ने जस्टिस मिश्रा का नाम सुप्रीमकोर्ट जस्टिस के लिए चुना.