बिलासपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना ने कहर बरपाया हुआ है. प्रदेश में अबतक 29 लोगों की जान इस वायरस के कारण जा चुकी है. दिनों दिन कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. बिलासपुर जिला भी सेंसेटिव जिलों में से एक है. जहां 23 जुलाई से फिर से लॉकडाउन होने जा रहा है, जो आगामी 31 जुलाई तक प्रभावी रहेगा. इस बार कोरोना की चेन ब्रेक करने का बीड़ा पूरे शहरवासियों ने उठाया है. ETV भारत की टीम ने शहर की जनता, व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों से बात की है. जिसमें सभी ने एक सुर में इस लॉकडाउन का समर्थन किया है.
जिले में लॉकडाउन के 4 चरण में संक्रमण के आंकड़े कम थे, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही संक्रमण के आंकड़े बढ़ते गए और स्थिति बिगड़ती चली गई. लॉकडाउन के पहले चरण में (24 मॉर्च से 15 अप्रैल) तक आंकड़ा मात्र 1 था. इसके बाद 15 अप्रैल से 4 मई के दूसरे और 4 मई से 18 मई तक के तीसरे चरण में भी संक्रमण का आंकड़ा एक पर ही स्थिर रहा, लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण (18 मई से 31 मई) में यह आंकड़ा 48 पर पहुंच गया. इसके बाद अनलॉक के पहले चरण (1 जून से 30 जून) में केस 181 पर पहुंच गए. अनलॉक के दूसरे फेज में अबतक संक्रमण का रिकॉर्ड 475 पहुंच चुका है. जिसे देखते हुए प्रशासन को टोटल लॉकडाउन का फैसला लेना पड़ा.
शहरवासियों का कहना है कि चाहे जो भी परेशानी क्यों न उठानी पड़े, लेकिन कोरोना के फैलाव को रोकने लॉकडाउन बेहद जरूरी है. वहीं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी लॉकडाउन को जरूरी बताते हुए कहा कि आम लोगों में कम जागरूकता के कारण कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.