छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Bilaspur Central Jail: बिलासपुर सेंट्रल जेल के कैदियों में फैली स्किन की बीमारी, क्षमता से अधिक कैदी रखे जाने से हुआ ऐसा - बिलासपुर सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट खोमेश मंडावी

बिलासपुर सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे हैं. इन कैदियों में स्किन की बीमारियां बढ़ती जा रही है. जो कि जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. 4 साल पहले ही बिलासपुर में नए जेल निर्माण की योजना को स्वीकृति मिल गई थी. हालांकि प्रशासन की लापरवाही के कारण ये काम आज भी अधर में लटका हुआ है.

Bilaspur Central Jail
बिलासपुर सेंट्रल जेल

By

Published : Mar 13, 2023, 7:00 PM IST

कैदियों में बढ़ी स्किन की बीमारी

बिलासपुर:छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. क्षमता से अधिक कैदियों को कारागार में रखने से कैदियों में स्किन की समस्या अधिक हो रही है. क्षमता से अधिक कैदियों के जेलों में रखे जाने से उनमें संघर्ष के साथ ही आपसी विवाद के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां भी बढ़ती जा रही है.

विभाग नहीं दे रहा इस पर ध्यान:विभाग जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखने पर ध्यान नहीं दे रहा है. यही कारण है कि कैदियों की दुश्मनी जेल के अंदर होती है और वह बाहर बड़े संघर्ष का रूप ले लेती हैं. इस पर ना तो जेल विभाग ध्यान दे रहा है ना ही राज्य सरकार. बिलासपुर के सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. जबकि जेल के लिए आबंटित जमीन में न जेल बन पा रहा है और ना ही आबंटित जमीन में हुए बेजा कब्जा को हटाया जा सका है.

अधिक अपराध से बढ़ी कैदियों की संख्याःराज्य में बढ़ते अपराध के कारण जेलों में कैदियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखने और वैकल्पिक व्यवस्था न करने की वजह से कैदियों में बीमारियों के साथ आपसी संघर्ष बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार ने कई जिलों में नए जेल निर्माण के लिए जमीनों का एलॉटमेंट तो कर दिया है, लेकिन गृह विभाग नए जेल निर्माण करने में सक्षम साबित नहीं हो रहा है. कैदियों की बढ़ती संख्या के कारण कैदियों में आपसी मनमुटाव और जेल के अंदर ही संघर्ष बढ़ने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इससे साफ होता है कि जेल की तरफ न तो राज्य सरकार का ध्यान जा रहा है न ही गृह विभाग का.

Prisoner Death in Bilaspur central Jail: बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, लोगों ने किया चक्का जाम

बिलासपुर में नए जेल निर्माण की योजना अधर में: बिलासपुर केंद्रीय जेल में क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं, जिसके निराकरण के लिए नए केंद्रीय जेल के निर्माण की योजना स्वीकृति के बाद भी अधर में लटकी है. पिछले 4 साल से प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ है. नए जेल निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन पर अतिक्रमण और प्रशासन की उदासीनता से प्रोजेक्ट अटका हुआ है. केंद्रीय जेल में क्षमता से अधिक कैदी जेल प्रबंधन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. केंद्रीय जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर में 125 करोड़ की लागत से बड़ा और नया केंद्रीय जेल बनाने की योजना को 4 साल पहले ही स्वीकृती दे दी गई थी. हालांकि अब तक इस पर काम नहीं हो सका है. बिलासपुर सेंट्रल जेल में 22 सौ 90 कैदियों की क्षमता वाले कारागार में 32 सौ से अधिक कैदी हैं.

जल्द शुरू हो सकता है नए जेल निर्माण का काम:बिलासपुर सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट खोमेश मंडावी ने ईटीवी भारत को बताया कि " अभी बिलासपुर जेल में 3202 कैदी बंद हैं. इनमें सजायाफ्ता कैदी, विचाराधीन कैदी और महिला कैदी शामिल हैं. इस जेल की क्षमता 2200 कैदियों को रखने की है. जबकि इसमें 32 सौ कैदी रह रहे हैं. बिलासपुर के बैमा नागोई में जेल के लिए जमीन आवंटित की गई है, जिसका निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा. केंद्रीय जेल में बंद उन कैदियों को, जो विशेष अपराध में बंद हैं; उन्हें नए जेल में रखा जाएगा."

ABOUT THE AUTHOR

...view details