बिलासपुर: शहर में फैल रहे डायरिया को लेकर भाजपा पार्षद दल (BJP Councilor Party) ने बिलासपुर नगर निगम कार्यालय (Bilaspur Municipal Corporation Office) के सामने प्रदर्शन किया. भाजपा पार्षद दल ने मांग की है कि 15 दिनों के अंदर शहरी की सभी पाइपलाइन को दुरुस्त करें और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दें.
बिलासपुर में डायरिया पर सियासत भाजपा पार्षद दल का आरोप है कि शहर में डायरिया फैलने की वजह गंदा पानी है. निगम प्रशासन लोगों को गंदा पानी पाइपलाइन से सप्लाई किए जाने का जिम्मेदार है. पार्षदों ने 15 दिन के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
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महापौर रामचरण यादव से इस्तीफे की मांग
धरना प्रदर्शन में शामिल भाजपा पार्षदों ने निगम में बैठी कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए बिलासपुर के महापौर रामचरण यादव के इस्तीफे की मांग की है. शहर विधायक शैलेश पांडे और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी इस्तीफे की मांग की गई.
नालियों की सफाई को लेकर निगम लपरवाह
भाजपा पार्षदों का आरोप है कि जानबूझकर निगम प्रशासन नालियों के भीतर लीकेज पाइपलाइन ठीक नहीं कर रही है, क्योंकि उनके पास ना तो पाइप है और ना ही सुधार में उपयोग किए जाने वाले दूसरे सामान. यही वजह है कि शहर में डायरिया जैसी जलजनित बीमारियां फैल रही है.
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बिलासपुर में क्यों फैल रहा है डायरिया?
बिलासपुर शहर के आधा दर्जन से भी ज्यादा स्लम एरिया में डायरिया का प्रकोप है. पिछले दिनों शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में डायरिया की वजह से 7 लोगों की मौत हो चुकी है. गंभीर बात यह है कि डायरिया होने के बाद लोगों को समय पर इलाज भी नहीं मिल पाया और उन्होंने दम तोड़ दिया
लोगों ने पाइपलाइन सुधार के लिए कई बार निगम प्रशासन को भी जानकारी दी, लेकिन पाइपलाइन में सुधार नहीं हुआ. नतीजा यह हुआ कि पाइप के जरिए उनके घरों तक नालियों का पानी पहुंच गया. यही गंदा पानी पीने से लोग डायरिया के शिकार हो गए.
बिलासपुर नगर निगम का सफाई और पानी ट्रीटमेंट पर खर्च का ब्यौरा
बिलासपुर नगर निगम में दो ठेका कंपनी और नगर निगम के सफाई कर्मी साफ सफाई की व्यवस्था संभालते हैं. ये नालियों और सड़कों की सफाई के साथ कचरे का कलेक्शन करते हैं. नगर निगम साफ सफाई में 5 करोड़ 32 लाख रुपए और पानी के ट्रीटमेंट में 40 लाख रुपए खर्च करती है