बिलासपुर:बिलासपुर में बड़े भवन और शासकीय संस्थानों में फायर सेफ्टी सिस्टम के साथ खानापूर्ति हो रही (Fire safety system is not Safe in Bilaspur) है. फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी जिस विभाग को दी गई है, वह दूसरे के भरोसे इस जिम्मेदारी को पूरा करने की बात कहकर कर्तव्य से भाग रहा है. ऐसे में अगर अगलगी की घटनाएं हो जाती हैं तो इसपर नियंत्रण की कोई तैयारी नहीं है.
उठाना पड़ सकता है बड़ा नुकसान :गुजरात के कोचिंग सेंटर में दो साल पहले हुई अगलगी और जनहानि जैसी घटना के बाद भी फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी के लिए विभाग तैयार नहीं है. बिलासपुर के कई निजी और शासकीय संस्थानों के बड़े-बड़े भवनों में फायर सेफ्टी को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. इन भवनों में सैकड़ों की तादाद में काम करने वाले कर्मचारियों को अगलगी से बचाने के उपाय महज दिखावे के लिए किये गए हैं. जहां फायर सिस्टम हैं, वह सालों से बंद हैं. एक्सपायरी डेट भी निकले सालों बीत गए हैं. ऐसे में यदि शासकीय और अशासकीय भवनों में अगलगी होगी तो बड़ी जनहानि हो सकती है.
सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा लापरवाही :बिलासपुर के शासकीय विभागों के दफ्तरों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगे ही नहीं हैं. कई ऐसे विभाग हैं, जहां फायर सेफ्टी के लिए फायर सिलेंडर तो लगाए गए हैं. लेकिन यदि उसका उपयोग करने का समय आया तो शायद वो काम ही नहीं करेंगे. सिलेंडर इतने पुराने हो गए हैं कि उसका पिन जाम हो गया है. रिफिलिंग डेट निकले सालों बीत गए हैं. शासकीय विभागों में न तो पानी की व्यवस्था सही तरीके से है और न ही बालू की. ऐसे में यदि किसी दिन बड़ी घटना हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा. यह बड़ा सवाल है.