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बिलासपुर: मरवाही उपचुनाव में बढ़ा कांग्रेस का कॉन्फिडेंस, कहा- हाथ के साथ है वोटर

मरवाही उपचुनाव की तैयारी जोरों पर हैं. जाति प्रकरण में बुरी तरह उलझी जोगी परिवार के सदस्य अमित जोगी और ऋचा जोगी के नामांकन को निरस्त कर दिया गया है. नामांकन निरस्त होते से अब यह मुकाबला कांग्रेस-बीजेपी के बीच का हो गया है. हालांकि अभी जोगी कांग्रेस ने अपने सारे पत्ते नहीं खोले हैं.

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मरवाही उपचुनाव

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Published : Oct 19, 2020, 3:42 PM IST

बिलासपुर:मरवाही उपचुनाव को लेकर सियायत अंतिम चरण में है. जेसीसी(जे) की तरफ से जोगी कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों अमित जोगी और ऋचा जोगी की उम्मीदवारी खत्म होने पर कांग्रेस का कॉन्फिडेंस लेवल काफी बढ़ गया है. वहीं ये महामुकाबला अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच का हो गया है.

'हाथ के साथ है वोटर'
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय का कहना है कि मरवाही सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और लंबे समय तक कांग्रेस का यहां कब्जा रहा है. इससे पहले जोगी परिवार भी मरवाही से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं, लेकिन बीच में नई पार्टी बनाकर अजीत जोगी जरूर अपने पक्ष में माहौल बनाने में कामयाब हुए थे. पीसीसी प्रवक्ता ने कहा कि मरवाही में उनकी पार्टी ने काम करके दिखया है, लिहाजा मरवाही का वोटर उनका ही साथ देगा. पीसीसी प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस मरवाही सीट जीतकर 70वीं सीट जीतने वाली पार्टी बन जाएगी.पढ़ें- मरवाही का महासमर: अमित जोगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज, आगे की रणनीति पर होगा मंथन


मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस और जेसीसी(जे) के बीच सीधी लड़ाई बताई जा रही थी, लेकिन जाति प्रकरण में बुरी तरह उलझे जोगी परिवार के सदस्य अमित जोगी और ऋचा जोगी के नामांकन को निरस्त कर दिया गया है. नामांकन निरस्त होते से अब यह मुकाबला टक्कर का नहीं बताया जा रहा है. जानकारों की मानें तो यह मुकाबला दिवंगत अजीत जोगी के प्रति उभरे सहानुभूति के माहौल के कारण दिलचस्प हो सकता था और कहीं न कहीं मुकाबला सत्ता बनाम सहानुभूति का हो चुका था, लेकिन जोगी परिवार के सदस्यों की उम्मीदवारी खत्म होने पर अब यह मुकाबला दो ध्रुवीय होते नहीं दिख रहा है. इस क्षेत्र में कांग्रेस के लिए उसका मजबूत पक्ष विकासकार्यों को बताया जा रहा है. भाजपा यहां पहले से ही कमजोर नजर आ रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में लड़ने की भूमिका से दूर हो चुकी जेसीसी(जे) की आगामी रणनीति क्या होगी.

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