Bilaspur year ender 2022: बिलासपुर की साल 2022 की दस बड़ी खबरें - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
बिलासपुर साल 2022 में छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण और न्यायधानी कहलाने वाला शहर बिलासपुर, पूरे प्रदेश में कई मामलों में चर्चा में रहा है.(big incidents of Bilaspur in 2022) बिलासपुर जहां हाई कोर्ट स्थित है वहा कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जिस पर पूरे साल जनता ने चर्चा किया है, यदि उन घटनाओं की बात करें तो क्राइम से लेकर राजनैतिक उठापटक, सामाजिक, सांस्कृतिक और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में हुए घटनाक्रम में लोगों को कभी न्यायधानी बिलासपुर पर गर्व हुआ, तो कभी बिलासपुर में व्यवस्थाओं को लेकर उन्हें थोड़ी तकलीफ हुई है.(year ender 2022) ऐसी 10 बड़ी खबरों को हम इस खबर के माध्यम से आपको बताने वाले हैं. Bilaspur latest news
बिलासपुर: बिलासपुर का क्षेत्रफल में पिछले कुछ सालों में जरूर कम हुआ है, क्योंकि हाल के कुछ सालों में ही बिलासपुर जिले से 2 नए जिले बनाए गए हैं. (big incidents of Bilaspur in 2022) लेकिन बिलासपुर के निर्माण के बाद से ही यह एक महत्वपूर्ण जिला रहा है. अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान और बाद में नए राज्य छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही बिलासपुर प्रदेश में अहम भूमिका निभाता रहा है. (chhattisgarh year ender 2022) यह राजनीतिक महत्त्व के साथ ही व्यापार और न्याय को लेकर मशहूर रहा है. पूरे प्रदेश से यहां न्याय की आस लेकर जनता हाईकोर्ट आती है. इसके साथ ही बिलासपुर जिले में व्यापारीक संस्थानें हैं, जो बिलासपुर को अलग पहचान देती है. (look back 2022) पूरे साल में हुए उठापटक और राजनीतिक हलचल के साथ ही कानून व्यवस्था के अलावा सामाजिक, सांस्कृतिक और खेलों में बिलासपुर प्रदेश में अहम भूमिका वाला जिला है. Bilaspur latest news
- राजनैतिक उठापटक का रहा दौर:बिलासपुर जिला, प्रदेश में राजनीतिक को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण है. यहां से चुने जाने वाले विधायकों का राज्य सरकारों में अहम भूमिका रहता है. (year ender 2022) चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की, दोनों ही पार्टियां बिलासपुर को महत्व देते हैं. साल 2022 में बिलासपुर ने कई राजनैत्तिक उठापटक देखे है. जहां राज्य सरकारों के मंत्रियों के दौरे लगातार हर सप्ताह होते हैं, वहीं कई केंद्रीय मंत्री भी बिलासपुर दौरे पर आ चुके हैं. एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने बिलासपुर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हुंकार लगाई थी, तो समय समय पर जल मंत्रालय के मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्री आए. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने भी भाजपा के इन दिग्गजो के विरोध में कोई कसर नहीं छोड़ा. कहीं काला झंडा दिखाया, तो कहीं विरोध किया. राजनीति में बिलासपुर में सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के दो बड़े गुटों की होती है. ये दोनों बड़े गुट प्रदेश के सबसे पवारफुल नेताओं के समर्थकों का है, जो एक दूसरे के काम में टांग अढ़ाते हैं और एक दूसरे का काम बिगाड़ते हैं. यहां पिछली राज्य सरकार के 15 साल रहे कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल का अपना दबदबा है. साल 2022 की शुरुआत होते ही राजनीति में सक्रिय हो गए और फिर धरना प्रदर्शन, विरोध और राजनीतिक बयान बाजी के लिए लोगों के बीच चर्चा में बने रहे. look back 2022
- कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही:बिलासपुर में कानून व्यवस्था कि यदि बात करें तो 2022 की 1 जनवरी से ही व्यवस्था बिगड़ने लगी थी. इसके बाद कुछ समय तो बिलासपुर जिला शांत रहा लेकिन, फिर लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती रही. यहां मारपीट, हत्या, चाकूबाजी और अपहरण के मामलों में इतनी बढ़ोतरी होती गई. यहां तक की स्वयं मुख्यमंत्री को आईजी और एसपी को निर्देश देना पड़ गया कि कानून व्यवस्था बनाए और आम जनता को भय के माहौल से मुक्त करें. इन घटनाओं में 3 माह पहले बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के इटवा पाली से सोलवीं शताब्दी की ग्रेनाइट से बनी भगवान गरुड़ गणेश की मूर्ति चोरी हो जाना, बिलासपुर के हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी हत्याकांड. प्रदेश के बड़े नेताओं को कई मामलों में सफाई देना पड़ गया, तो वही भाजपा के बड़े नेताओं ने इस हत्याकांड को लेकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बयानबाजी की. Bilaspur year ender 2022
यह भी पढ़ें:Bilaspur news बिलासपुर के सरकंडा में ट्रांसपोर्टर के घर से लाखों रुपये कैश और ज्वेलरी पार - स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बिलासपुर हुआ गौरान्वित: बिलासपुर में स्पोर्ट्स के आयोजनों को लेकर बिलासपुर वासियों को काफी गर्व हुआ. क्योंकि यहां बड़े आयोजनों के साथ ही राज्य के दूसरे हिस्सों से लोग यहां पहुंचे. बिलासपुर में सबसे बड़ा आयोजन स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बहतराई स्टेडियम में आयोजित किया गया, जिसमें 28 राज्यों के खिलाड़ी शामिल हुए. यहां 23 वीं अंडर 19 एथलेटिक्स कंपटीशन का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में देश के एथलेटिक्स के बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. वे बिलासपुर आकर काफी खुश हुए थे. इतने बड़े आयोजन को लेकर पूरे प्रदेश में बिलासपुर में अच्छी व्यवस्थाओं की चर्चा रही.
- अधूरे प्रोजेक्ट जो महत्वपूर्ण है, लेकिन नहीं दिया जा रहा महत्व:बिलासपुर में लगातार विकास को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं, जिनमें सबसे बड़ी योजना अंडर ग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट और लोगों के घरों तक पीने का शुद्ध पानी पहुंचे, इसके लिए अमृत मिशन योजना शुरू की गई थी. लेकिन यह योजना कई सालों से चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट की बात करें, तो यह प्रोजेक्ट लगभग 14 साल से चल रहा है, लेकिन इसका काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. इसी तरह शहर से 30 किलोमीटर दूर संजय गांधी जलाशय से पानी लाकर उसे फिल्टर कर पीने लायक बनाने और लोगों के घरों तक पहुंचाने का प्रोजेक्ट अमृत मिशन 5 साल पहले शुरू किया गया था, वह भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है. यदि यह दोनों योजना शुरू हो जाती, तो अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट से लोगों को फायदा होता. वहीं अमृत मिशन के पूरा होने से ग्राउंड लेवल वाटर की बचत होती और सरफेस वाटर से लोग शुद्ध पानी आसानी से प्राप्त करते. लेकिन यह दोनों प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया जा सका है.
- सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की मिली सौगात:दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का हेडक्वाटर बिलासपुर में है. इस नाते वंदे भारत ट्रेन को यहीं से शुरू किया गया है. यह वंदे भारत ट्रेन भारत का छठवां और मध्य भारत का पहला सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, जो बिलासपुर को सौगात के रूप में मिला है. इस ट्रेन से लोग 5 घंटे 30 मिलट में बिलासपुर से नागपुर का सफर तय कर सकते हैं. सेमी हाई स्पीड ट्रेन मिलने से जहां बिलासपुर का पूरे प्रदेश में दर्जा बढ़ा है. वही देश में भी बिलासपुर का नाम लोग जानने लगे हैं.year ender 2022
- स्मार्ट सिटी के तहत हुए कई सौंदर्यीकरण के कार्य:बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है. यहां लगातार शहर के मुख्य मार्ग और चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ है. यहां के सौंदर्यीकरण को देखने बाहर के लोग भी आते हैं. चौक चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ ही उद्यानों में काफी कार्य किए गए हैं, जो शहरवासियों के लिए गौरव की बात है. शहरवासी स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हैं. लेकिन विकास के कार्यों में नगर निगम बिलासपुर पिछड़ गया है, तो स्मार्ट सिटी आगे बढ़ गया है. शहर के नेहरू चौक से लेकर महाराणा प्रताप चौक तक कई सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए हैं. सड़कों के किनारे कलाकृति और उद्यान का निर्माण किया गया है. इसके अलावा सिग्नल और इंटीग्रेटेड सर्विलांस के कार्य काफी महत्वपूर्ण है, जो आने वाले समय में सुरक्षा की दृष्टि से काफी अहम हो सकते हैं.
- कानन पेंडारी में टाइगर के 4 शावकों का जन्म:बिलासपुर संभाग का एकमात्र जू कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में 7 महीना पहले फीमेल टाइगर ने चार शावकों को जन्म दिया था. जिनमें 3 मेल और एक फिमेल है. अब इन टाइगर की उम्र लगभग 7 माह हो गई है और अब ये बाड़े में चहलकदमी करते दिखने लगे हैं. शावकों के जन्म से लेकर अब तक इन्हें डार्क रूम में रखा गया था, लेकिन 15 दिन पहले इन्हें बाड़े में रखा गया है. इन्हें देखने प्रदेशभर के पर्यटक कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क पहुंच रहे हैं. यह पार्क इन शावकों के जन्म के बाद से कुछ विशेष हो गया है. क्योंकि अब तक यहां लायन के बच्चों में एक साथ 4 की संख्या में कभी भी बच्चो का जन्म नहीं हुआ था. इसलिए कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के साथ अन्य चिड़िया घरों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में अब पर्यटकों की संख्या इन शावकों को देखने के लिए बढ़ती जा रही है.
- हवाई सेवा में रहा कभी खुशी कभी गम:बिलासपुर से हवाई सेवा की मांग लंबे समय से की जा रही है. इसके तहत बिलासपुर को इस साल दो बड़ी सौगात मिली. बिलासपुर से भोपाल के लिए नियमित विमान सेवा की शुरुआत हुई, इससे लोगों को काफी खुशी हुई. लेकिन यात्री नहीं मिलने की बात कहते हुए नागरिक एवं उड्डयन मंत्रालय ने बिलासपुर भोपाल की फ्लाइट बंद कर दी. जिसके बाद शहरवासियों की निराशा को देखते हुए मंत्रालय ने फिर एक नई फ्लाइट की सौगात दी. यह फ्लाइट बिलासपुर से इंदौर के लिए नियमित रूप से उड़ान भर रही है. इस समय ट्रेनों की लेटलतीफी और कैंसिलिंग की वजह से फ्लाइट के लिए यात्रियों की संख्या बढ़ गई है. स्थिति यह है कि अब आसानी से फ्लाइट में सीट नहीं मिल रहा है और फ्लाइट फुल चल रही है.
- हसदेव के जंगल बचाने किया था बिलासपुर में पैदल मार्च:हसदेव के जंगल को बचाने धरना प्रदर्शन में समर्थन देने 11 साल की अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंजुगम बिलासपुर पहुंची थी. बिलासपुर में रैली में शामिल होने के बाद वे जंगल और उसके फायदों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई. यहां उन्होंने कोनहेर गार्डन से रैली निकालकर सरकार और अडानी के खिलाफ नारा लगाया. उसने पर्यावरण को लेकर कहा था कि यदि जंगल को काट दिया जाएगा, तो जीवन कैसे बचेगा. जंगलों से हमें ऑक्सीजन, पानी और जीवन जीने के लिए वो सब कुछ मिलता है, जिससे जिंदगी चलती है. जंगलों को काट कर पूरी धरती को खत्म किया जा रहा है. हसदेव अरण्य को कोयला निकालने अडानी ग्रुप को ठेका दिया गया है. कोयला निकलने से पहले लाखों की संख्या में छोटे बड़े पेड़ों को काटा जाएगा. हसदेव के जंगल को बचाने के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बात रखने की भी बात कही थी.
- आरक्षण मामले में हाई कोर्ट ने किया बड़ा फैसला:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में 58% आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था. चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. हाईकोर्ट में राज्य शासन के साल 2012 में बनाए गए आरक्षण नियम को चुनौती देते हुए अलग-अलग 21 याचिकाएं दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने पहले फैसला सुरक्षित रखा था, लेकिन बाद में निर्णय दिया. जिसमें आरक्षण 50 प्रतिशत ही रहने की मांग में मुहर लगा दी.