बिलासपुर: साल 2013 में बस्तर की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस नक्सली हमले में कांग्रेस 20 से ज्यादा नेता मारे गए थे. झीरम घाटी हत्याकांड की जांच के लिए बने जांच आयोग ने सोमवार से सुनवाई शुरू कर दी. यह सुनवाई बिलासपुर से शुरू हुई है. इस केस से जुड़े गवाह और अन्य लोगों से शपथ पत्र जमा करवाए गए हैं. इस प्रक्रिया के बाद अब रायपुर में अगली सुनवाई होगी.
झीरम घाटी केस में जांच आयोग ने शुरू की सुनवाई: झीरम घाटी हत्याकांड की जांच के लिए बने नए आयोग ने सोमवार को पहली सुनवाई बिलासपुर स्थित स्थानीय सर्किट हाउस में पूरी की है.जिसमें प्रारंभिक तौर पर पक्षकारों से वकालतनामा और शपथपत्र लिए गए. आयोग अब इस मामले में 7 मई को रायपुर में सुनवाई करेगा. इस दौरान कांग्रेस नेता जितेंद्र मुदलियार, निखिल द्विवेदी की तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप सिंह ने शपथपत्र के साथ वकालनामा प्रस्तुत किया. वहीं, राज्य शासन की ओर से अधिवक्ता सुदीप अग्रवाल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है.आयोग ने स्पष्ट किया है कि और जो लोग भी शपथपत्र देना चाहते हैं. सुनवाई के दौरान दे सकते हैं.
राज्यपाल को झीरम आयोग जांच की रिपोर्ट सौंपने पर सीएम ने उठाए सवाल
पांच महीने पहले हुआ था जांच आयोग का गठन: राज्य शासन ने करीब पांच महीने पहले जांय आयोग का गठन किया था. इस आयोग की कमान रिटायर्ड जस्टिस सुनील अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन को दी गई है. आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपना था. लेकिन, आयोग के गठन के साथ ही सुनवाई की प्रक्रिया में ही पांच माह निकल गए.
Jhiram Valley Attack: झीरमघाटी जांच आयोग का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाया गया
आयोग ने तीन नए बिंदुओं को जोड़ने का काम किया है. जो तीन नए बिंदु जोड़े गए हैं वह इस प्रकार हैं
- 1-क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई.
- 2- ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे.
- 3-अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करे
25 मई 2013 को हुआ था झीरम नक्सली हमला:25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला कर दिया था. इस नरसंहार में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और सुरक्षाबलों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें कांग्रेस के 20 से ज्यादा नेता मारे गए थे. बताया जाता है कि बस्तर में रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था. काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं. जिनमें लगभग 200 नेता सवार थे. तभी नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया.