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पुलिस का दावा महज खानापूर्ति, नाबालिग और नौसिखिए ड्राइवर ले रहे लोगों की जान!

जिला पुलिस का दावा है कि जिले में हर महीने-दो महीने पर जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को सड़क हादसों के बारे में बताया जाता है और कानून के दायरे में रहकर ड्राइविंग करने की सलाह दी जाती है, लेकिन पुलिस का दावा यहां महज खानापूर्ति ही नजर आता है.

सड़क पर वाहन चलाते लोग

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Published : May 29, 2019, 1:25 PM IST

Updated : May 29, 2019, 5:10 PM IST

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में इन दिनों नौसिखिए और नाबालिग धड़ल्ले से गाड़ी चला रहे हैं. पुलिस की आखों के सामने नाबालिग फर्राटे भर रहे हैं. नौसिखिए और नाबालिग वाहन चालकों में पुलिस का खौफ कितना है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि ज्यादातर वाहन चालक न तो ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चल रहे हैं और न ही गाड़ी के पेपर.

नबालिग और नौसिखिया ड्राइवर ले रहे लोगों की जान!

सड़क दुर्घटना में वृद्धि
ट्रैफिक नियम पालन न करने और नौसिखिए और नाबालिग ड्राइवर के कारण आये दिन क्षेत्र में सड़क दुर्घटना हो रही है, लेकिन पुलिस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. जानकार बताते हैं कि तखतपुर में जितनी दुर्घटनाएं शहरी क्षेत्र में हो रही हैं, उससे कहीं ज्यादा गांव में है.

क्षेत्र में नहीं है यातायात पुलिस
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाके में यातायात सुरक्षा के लिए यातायात पुलिस ही नहीं है. यातायात पुलिस न होने के कारण क्षेत्र में ऐसे ड्राइवर और बेखौफ होकर तेजी से वाहन चलाते हैं, जिसके चलते आये दिन किसी न किसी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.

वाहनों के सही कागज तक नहीं
एक सैंपल के तहत इलाके में लोगों से यातायात सुरक्षा संबंधित अधिकृत कागज होने की बात जब पूछी गई तो लगभग दो दर्जन वाहन चालकों के पास गाड़ी के पेपर तक नहीं थे. इतना ही नहीं वाहन मालिकों ने बताया कि गाड़ी में फर्स्ट एड किट, प्रदूषण जांच, आरसी बुक, वाहन बीमा जैसे कोई कागजात उनके पास नहीं है. इसके अलावा नये वाहन मालिकों के पास प्रथम बीमा और आरसी बुक के अलावा कोई और कागजात तक नहीं है.

चलित थाना लगाकर खानापूर्ति
मामले में जब तखतपुर थाना प्रभारी एन उपाध्याय के बात की गई, तो उन्होंने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस चलित थाना बनाकर गांव-गांव में शिविर का आयोजन कर रही है. इससे तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन क्षेत्र में बढ़ती सड़क दुर्घटनों को देखें, तो ऐसा लग रहा है कि पुलिस की ये सारी कवायद महज खानापूर्ति बनकर रह गई है.

Last Updated : May 29, 2019, 5:10 PM IST

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