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बिलासपुर: इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के सीनियर ब्रांच मैनेजर के तबादले पर हाईकोर्ट की रोक

बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur highcourt) ने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक रायगढ़ के सीनियर ब्रांच मैनेजर के तबादले पर रोक लगा दी है. मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रोक लगाई है.

Bilaspur highcourt
बिलासपुर हाईकोर्ट

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Published : May 3, 2021, 7:37 PM IST

बिलासपुर:गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, रायगढ़ के सीनियर ब्रांच मैनेजर के तबादले पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सीनियर ब्रांच मैनेजर कमल कुमार चौहान का तबादला मेघालय के शिलांग में किया गया था. इसके खिलाफ कमल कुमार चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोरोना काल में तबादले को गलत बताते हुए हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक तबादले पर रोक लगा दी है.

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मेघालय के शिलांग में किया गया था स्थानांतरण
जानकारी के अनुसार भारत सरकार के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक रायगढ़ के कमल कुमार चौहान सीनियर ब्रांच मैनेजर पद पर कार्यरत हैं. हाल ही में विभाग द्वारा उन्हें मेघालय के शिलांग में स्थानांतरण कर उन्हें 5 मई तक ज्वॉइनिंग करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके खिलाफ कमल कुमार चौहान ने अधिवक्ता मलय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि इस कोरोना महामारी में स्थानांतरण करना गलत है. वर्तमान हालात में लगातार कोविड-19 के पेशेंट बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में तबादला करने का कोई कारण नहीं है. पूरे मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने चौहान के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है.

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आईपीएस मुकेश गुप्ता समेत कई बड़े अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत

5 साल पहले जल संसाधन विभाग के ईई के घर आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी. इस मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह समेत अन्य कई बड़े अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे. जिसपर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस सामन्त की सिंगल बेंच में की गई. जल संसाधन विभाग के ईई आलोक अग्रवाल के घर ईओडब्ल्यू एसीबी ने छापामार कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल उनके परिवार के लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. इस मामले में आलोक अग्रवाल की तब गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन अग्रवाल के परिजनों ने EOW और ACB की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे. परिजनों ने आरोप लगाया था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को अवैध कमाई बताया गया है. इस कार्रवाई के दौरान कई सामान गायब हो गए और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है.

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