बिलासपुर :हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि (High court refuses to grant divorce for bringing another wife) यदि पति अपने साथ कोई दूसरी महिला रख ले और इस स्थिति में यदि पत्नी घर छोड़ दे तो उसे पत्नी द्वारा परित्याग नहीं माना जाएगा. इस तरह कोर्ट ने पति की तलाक के लिए की गई अपील अस्वीकार कर खारिज कर दी है.
पत्नी के रहते दूसरी बीवी लाने पर हाईकोर्ट ने तलाक की मंजूरी देने से किया इनकार - बिलासपुर हाईकोर्ट की खबरें
High court refuses to grant divorce for bringing another wife : हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पति अपने साथ कोई दूसरी महिला रख ले और इस स्थिति में यदि पत्नी घर छोड़ दे तो उसे पत्नी द्वारा परित्याग नहीं माना जाएगा.
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हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के निर्णय को ठहराया सही
चिरमिरी निवासी उत्तम राम की शादी सूरजपुर जिला निवासी कयासों बाई से 25 साल पहले हुई थी. उनकी तीन बच्चियां हुईं, जिनका अब विवाह हो चुका है. अपनी शादी के कुछ साल बाद उत्तम ने एक और महिला को घर में रख लिया. इससे परेशान होकर पत्नी कयासों घर से चली गई. इस बात से नाराज पति ने मनेन्द्रगढ़ परिवार न्यायालय में एक तलाक देने का आवेदन पेश किया. आवेदन में पत्नी द्वारा उसे और घर को त्यागने को आधार बनाया गया. इसे निराधार पाकर फैमिली कोर्ट ने तलाक का आवेदन निरस्त कर दिया. फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने प्रकरण में सुनवाई के दौरान पाया कि पत्नी ने दूसरी महिला के कारण घर छोड़ा, यह परित्याग नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि एक विवाहित पति और पत्नी के मामले में इस परिस्थिति में घर परित्याग का प्रकरण नहीं बनता है. जिन परिस्थितियों में पत्नी ने यह कदम उठाया, वह सही था. पत्नी को प्रताड़ित कर घर छोड़ने को विवश किया गया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पति की अपील खारिज करते हुए तलाक देना सही न पाते हुए फैमिली कोर्ट के निर्णय को सही ठहराया है.