बिलासपुरः हाईकोर्ट ने आईएएस रानू साहू को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधीक्षक भौतिक संयंत्र के निलंबन से बहाली का अभ्यावेदन निराकृत नहीं करने के मामले में कोर्ट ने आईएएस को अवमानना नोटिस जारी कर जबाब मांगा है.
निलंबन के बाद नहीं की गई विभागीय जांच
रायपुर के कोटा के रहने वाले गोरेलाल ठाकुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में भौतिक संयंत्र के अधीक्षक पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे. वे मूलतः पर्यटन विभाग में कार्यपालन अभियंता थे. उनके खिलाफ प्राप्त शिकायतों के आधार पर प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने अगस्त 2019 में उन्हें निलंबित कर दिया था. जिसके बाद ना तो आरोप पत्र जारी किया गया, ना विभागीय जांच की कार्रवाई की गई.
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निलंबित अभियंता गोरेलाल ठाकुर ने लगाई थी याचिका
निलंबित अभियंता गोरेलाल ठाकुर ने हाई कोर्ट में अजय कुमार चौधरी के मामले का हवाला देकर याचिका दिया था कि 90 दिनों से अधिक समय के बाद विशेष कारण बताते हुए विस्तारक आदेश पारित नहीं करने पर किसी कर्मचारी को लंबे समय तक निलंबित नहीं रखा जा सकता. 45 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश जारी हुआ था. इस आदेश के बाद भी प्रबंध संचालक रानू साहू ने बहाल करने के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की.
अवमानना का नोटिस जारी
जिसके बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में एडवोकेट अभिषेक पांडे और दीपिका संवाद के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की गई. जस्टिस पी सेम कोसी ने सुनवाई के बाद रानू साहू को अदालत की अवमानना का दोषी पाया. जिसके बाद अदालत ने आईएएस रानू साहू को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.