बिलासपुर: हाईकोर्ट ने डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन DME को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार डीएमई को जांच करना होगा कि नीट के माध्यम से स्टेट कोटा में जिन छात्रों ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया है, वह राज्य के मूल निवासी है या नहीं. ये जांच छात्रों की ओर से भरे गए फॉर्म के आधार पर की जाएगी. पूरे मामले पर चीफ़ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई की गई है.
याचिकाकर्ता सिफतपाल सिंह और दूसरे अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने 2018 में नीट के बाद 85% रिजर्व स्टेट कोटा सीटों के लिए कानून बनाया था. इस कानून में कहा गया था कि नीट एग्जाम देते वक्त अभ्यर्थियों की ओर से दी गई जानकारी में अपने मूल निवासी संबंधित जानकारी को ही अंतिम जानकारी मना जाएगा.