बिलासपुर : दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह ही बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के लाखों छात्रों का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार से स्पष्ट निर्देश नहीं मिलने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन फिलहाल वार्षिक परीक्षा के संदर्भ में कुछ भी कहने से मना कर रहा है.
अधर में लटका छात्रों का भविष्य राज्य सरकार से कोई निर्देश मिले इससे पहले ही विश्वविद्यालय की ओर से तमाम वर्तमान वस्तु स्थिति को शासन को अवगत करा दिया गया है. इस बीच जनरल प्रमोशन और अपग्रेडेशन को लेकर भी अब तक विश्वविद्यालय को कोई निर्देश नहीं मिला है. हालांकि पहले और दूसरे साल के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन और अन्य मूल्यांकन के आधार पर अपग्रेड करने की अटकलें जरूर लगाई जा रही है.
60 से ज्यादा कॉलेजों को बनाया गया क्वॉरेंटाइन सेंटर
कोरोना के कारण वर्तमान में विश्वविद्यालयों के 60 से ज्यादा कॉलेजों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जो परीक्षा कराने के मद्देनजर सबसे बड़ी बाधा है. बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में इस बार कुल 1 लाख 74 हजार छात्रों ने अप्लाई किया है, जिसमें 55 से 60 हजार छात्र रेगुलर हैं. जबकि 1 लाख से ज्यादा छात्र रेगुलर नहीं है.
पढ़ें:कोरोना का शिक्षा पर व्यापक असर, छात्रोंं को सरकार देगी जनरल प्रमोशन
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली छात्रों की तरह ही कॉलेज के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का फैसला लिया है. जबकि अंतिम वर्ष के छात्रों को परीक्षा देना होगा. प्रथम और दूसरे वर्ष के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा जुलाई में होगी. वहीं परीक्षा के दौरान छात्रों को मास्क लगाना अनिवार्य होग. साथ ही उन्हें हैंड सैनिटाइज करना जरूरी होगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का मामला तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. वहीं प्रदेश में अब तक 2000 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं.