बिलासपुर : प्रदेश की राजधानी रायपुर में जिस तरह दो नगर निगम बनाए गए हैं. उसी तरह बिलासपुर में भी क्षेत्रफल और जनसंख्या के मुताबिक शहर को दो भागों में बांट कर दो नगर निगम बनाने की मांग की जा रही है. पहले से ही बिलासपुर नगर निगम में 70 वार्ड हैं. अब अरपा नदी के उस पार सरकंडा क्षेत्र को अलग नगर निगम बनाने की मांग की जा रही है.
दो निगम से मिलेगा ज्यादा राजस्व :अरपा नदी के उस पार को अलग नगर निगम बनाने की मांग को लेकर पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे अमित तिवारी ने कहा कि ''अभी बिलासपुर नगर निगम 70 वार्डों का है, जिसके लगभग 22 वार्ड अरपा नदी के पार सरकंडा क्षेत्र में आते हैं. इसके अलावा छोटे-छोटे आसपास गांव भी हैं जिन्हें मिलाकर पृथक नगर निगम बनाया जा सकता है. इस क्षेत्र का विकास तेजी से किया जा सकेगा, क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाले बजट को अगर देखा जाए तो अभी केवल बिलासपुर शहर में एक ही नगर निगम के लिए बजट आता है. यदि दो नगर निगम बन जाएगा तो इतना ही बजट दूसरे के लिए भी आएगा. दूसरा नगर निगम बन जाने के बाद सिस्टमैटिक विकास किया जा सकता.''
समुचित और संगठित विकास किया जा सकेगा: सरकंडा में रहने वाले विनय शुक्ला ने बताया कि '' दो नगर निगम बनेगा तो उसका फायदा बहुत ज्यादा मिलेगा.अरपा नदी के दूसरे किनारे में बसे सरकंडा में नगर निगम के 22 वार्ड आते हैं. 40% जनसंख्या बिलासपुर की सरकंडा क्षेत्र में रहती है. वहां विकास का दर ऊंचा होगा. राजस्व की अच्छी खासी कमाई होगी और विकास का दर बढ़ेगा. कहीं पैसे की दिक्कत नहीं आएगी.''
वित्तीय व्यवस्था मजबूत होगी : बिलासपुर के नागरिक पीनाल उपवेजा ने कहा कि ''नया नगर निगम बनने से शहर के विकास की रफ्तार बढ़ जाएगी. जैसे धीरे- धीरे कर शहर का विस्तार होता जा रहा है, उस लिहाज से नए नगर निगम का होना अति आवश्यक हो गया है. जगह के हिसाब से उस क्षेत्रफल के मुताबिक विकास किया जाए तो इससे वहां रहने वाले आम नागरिकों को सुविधाएं प्राप्त होती हैं.''