बिलासपुर : स्वच्छ भारत मिशन योजना जिले के ग्रामीण इलाकों में भ्रष्टाचार का जरिया बन गई है. गांव में आधे-अधूरे शौचालय का निर्माण सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई है. गांव के ज्यादातर लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. कहने को तो पूरे राज्य के सभी जिले ODF घोषित हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है.
दर्जनभर से ज्यादा घरों में शौचालय नहीं
मामले के सामने आने पर ग्रामीण, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. वहीं अधिकारी मामले में जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं.
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आधे-अधूरे शौचालय का निर्माण सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई है. बात करें बिलासपुर जिले के पेंड्रा विकासखंड की, तो यहां पर करीब दो साल पहले देवरीकला गांव के दर्जनभर ग्रामीणों के घर में शौचालय ही नहीं बने हैं. कुछ घरों में सालों पहले से शौचालय बनने का काम शुरू हुआ था, लेकिन आज तक शौचालय नहीं बना है.
सरपंच और सचिव पर लगा आरोप
ग्रामीणों ने शौचालय नहीं बनने की लापरवाही के पीछे गांव के सरपंच और सचिव पर आरोप लगाया है कि, 'ये अधिकारियों से मिलीभगत कर शौचालय की रकम हजम कर गए हैं.'
सिर्फ कागजों पर बना शौचालय
ग्रामीणों की मानें, तो गांव में कई लोगों के घर शौचालय नहीं बने हैं, सिर्फ कागजों पर शौचालय बना होना दिखाकर पैसे का गबन किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि, 'उच्च आधिकारियों को इस मामले की जानकारी कई बार दी गई, लेकिन अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.' CEO का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.