बिलासपुर: बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों की मीटिंग रखी थी. मीटिंग में कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि 'पदाधिकारी पद लेकर घर बैठ गए हैं और कांग्रेस का काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान कर उनका पद वापस लेने की तैयारी करने की बात कही है.' अब बिना काम करने वाले पदधिकारियों पर कैंची चलेगी.
यह भी पढ़ें:जवाहर बाल मंच या राजनीति की पाठशाला : आरएसएस की राह चल बच्चों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करेगी कांग्रेस!
निष्क्रिय पदाधिकारियों की पहचान, जल्द होगी छुट्टी
जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस भवन में मीटिंग आयोजित की. इस बैठक के माध्यम से बताया गया कि सदस्यता अभियान में खराब परफॉर्मेंस को देखते हुए अब जिला कांग्रेस कमेटी हरकत में है. इसमें तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए बूथ से लेकर जिला स्तर तक पदाधिकारियों को गंभीरता से काम करने की चेतावनी दी गई है. साथ ही काम नहीं करने वाले निष्क्रिय पदाधिकारियों की भी पहचान की जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि 'जिले में कांग्रेस के सदस्यता अभियान की स्थिति संतोषजनक नहीं है. लिहाजा इसे गति देने के लिए सभी ब्लॉक अध्यक्षों और पदाधिकारियों को रिचार्ज किया गया है. प्रदेश कांग्रेस सदस्यता अभियान को लेकर गंभीर है.'
कांग्रेस काम नहीं करने वाले पदाधिकारियों को दिखाएगी बाहर का रास्ता
बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर सख्त है, ऐसे लोगों की छुट्टी की तैयारी है. 1 नवंबर से पूरे देश में कांग्रेस ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. इसमें अकेले छत्तीसगढ़ में ही 10 लाख के करीब सदस्य बनाने का टारगेट रखा गया है. जिसे लेकर जिलेवार लक्ष्य निर्धारित कर सदस्यता अभियान को गति देने के पीसीसी ने निर्देश दिए हैं, लेकिन कई जिलों के साथ ही बिलासपुर में कांग्रेस के सदस्यता अभियान की स्थिति खराब है.
बिलासपुर में नए सदस्य बनाने में बिलासपुर जिला कांग्रेस काफी पीछे है. 50 हजार से अधिक नए सदस्य बनाने के लक्ष्य में ढाई महीने में केवल 5 हजार के करीब सदस्य ही कांग्रेस बना पाई है, ऐसे में खराब परफॉर्मेंस वाले पदाधिकारियों पर गाज गिरनी तय है.