बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक दो दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंची. उन्होंंने उज्ज्वला शेल्टर होम केस में सुनवाई की. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सुनवाई के दौरान संबंधित थाने से तमाम रिकॉर्ड तलब किए गए हैं. सीएसपी के अलावा टीआई से भी इस मामले में चर्चा करने वाली हैं. इस केस में काउंटर शिकायत की बात भी सामने आई है, कई पक्षकार गुरुवार को सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं हुए. सभी से बात करने के बाद ही कुछ निर्णय तक पहुंचने की बात कही गई है.
उज्ज्वला शेल्टर होम केस में सुनवाई संबंधित विभाग के अधिकारी और पुलिस अधिकारी के खिलाफ सवालों का जवाब देते हुए किरणमयी नायक ने कहा कि उनके पास इस तरह की अभी कोई शिकायत नहीं आई है. शिकायत मिलने पर वे ठोस कदम उठाएंगे. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस केस में आज सिर्फ दो पीड़िता ही उनके बीच मौजूद रहीं. शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. सबसे बातचीत और बयान के बाद ही आयोग किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा.
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एक पीड़िता की शिकायत हुई दर्ज
किरणमयी नायक ने बताया कि आज दो पीड़िताओं में एक पीड़िता का बयान, घटनाक्रम के बारे में कही गई बातों से अलग पाया गया है. एक अन्य पीड़िता ने अपनी शिकायत हमारे सामने दर्ज कराई है. किरणमयी नायक ने कहा कि यह केस उन्हें मनगढ़ंत बिल्कुल नहीं लग रहा है. इसमें कहीं ना कहीं सच्चाई है.
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जानिए उज्जवला गृह में कब क्या हुआ-
- 17 जनवरी को मामला हुआ उजागर.
- युवतियों ने संचालक व अन्य पर दुष्कर्म, छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाए.
- 18 जनवरी को पुलिस ने उज्ज्वला गृह के कर्मचारियों पर धारा 294,323,342 के तहत अपराध दर्ज किया.
- 19 जनवरी को पीड़ित युवतियां मीडिया के सामने आईं और संचालक पर दुष्कर्म,छेड़छाड़,मारपीट और प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए.
- 20 जनवरी को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने अन्य युवतियों को उनके घर व अन्य सुरक्षित जगह शिफ्ट किया.
- 20 जनवरी को ही पीड़िताओं ने आई जी से न्याय की गुहार लगाई और उन्हें उचित कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा.
- 21 जनवरी को पुलिस ने पीड़ितों का जिला कोर्ट में बयान दर्ज कराया.
- 21 जनवरी को ही पुलिस ने संचालक जितेंद्र मौर्य को देर शाम गिरफ्तार किया और बाद में जेल भेजा.
- 24 जनवरी को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल ने इस केस को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
- 24 जनवरी को ही सीएम बघेल विपक्ष के सवाल को टाल गए, उन्होंने उचित कार्रवाई की बात कही.
- 25 जनवरी को महिला एवं बाल विकास विभाग ने पुनर्वास केंद्र को बंद करने की सिफारिश केंद्र शासन से की.