बिलासपुर:साल के अंत में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव है. चुनाव से पहले अपने पाले में जनता को करने की कोशिश में दोनो पार्टियां जुटी हुई है. इस बीच बुधवार को कांग्रेस और बीजेपी के दोनों पार्टी के नेता बिलासपुर में एक ही मंच पर दिखे. इतना ही नहीं दोनों के बीच जुबानी जंग भी चली. दरअसल, विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बिलासपुर में शासकीय आयोजन किया गया था. इसमें भाजपा और कांग्रेस के विधायकों सहित प्रभारी मंत्री भी शामिल हुए. दोनों ही पार्टी के नेता अपनी-अपनी सरकार का बखान करते हुए विपक्ष पर वार कर रहे थे. इस बीच दोनों पार्टी खुद को आदिवासी का हितैषी बताते नजर आए.
दो सौ गांव नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाया-कांग्रेस:इस दौरान गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि, "हमारी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने का काम शुरू किया है.आदिवासी हमारे सृष्टि के मूल हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में लगभग 44 फीसद भूभाग वन आच्छादित हैं. वहां पर हमारे 42 उपजाति के आदिवासी निवास करते हैं. उनके जीवन यापन करने का तौर तरीका रहन-सहन, खान पान वैवाहिक कार्यक्रम सभी अलग-अलग प्रकार के हैं. उनका संरक्षण देने का काम कांग्रेस ने किया. गोकुल प्रथा, देवगुड़ी को हमारे सरकार ने दोबारा शुरू किया. 1707 लोगों की 4400 एकड़ जमीन को वापस करने का काम हम लोगों ने शुरू किया. आदिवासियों के जल, जीवन, जंगल को आरक्षित करने काम किया. नक्सली क्षेत्र में डेढ़, दो सौ गांव नक्सलियों के कब्जे में थे, उन्हें हमने छुड़ाया. 300 स्कूल नक्सली क्षेत्र में 15 वर्ष में बंद हो गए थे उनको हम लोगों ने शुरू किया."