छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Bilaspur High Court: बिलासपुर में रिटायर्ड सहायक प्लाटून कमांडर से वसूली के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Bilaspur High Court: बिलासपुर में रिटायर्ड सहायक प्लाटून कमांडर से वसूली के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस केस में रिटायर्ड सहायक प्लाटून कमान्डर महेन्द्र सिंह ने याचिका दायर की थी. मामले में वसूली के आदेश पर शनिवार को बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.

Bilaspur High Court
बिलासपुर हाईकोर्ट

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 23, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Sep 23, 2023, 9:28 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर हाईकोर्ट ने शनिवार को रिटायर्ड सहायक प्लाटून कमान्डर से वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है. बिलासपुर के सकरी में रहने वाले महेन्द्र सिंह दूसरी बटालियन में सहायक प्लाटून कमान्डर के पद पर पदस्थ रहे हैं. 30 अप्रैल 2023 को महेन्द्र सिंह दूसरी बटालियन से रिटायर हो गए. सेवानिवृत्ति के 3 माह बाद महेन्द्र सिंह को सेवाकाल के दौरान विभागीय भविष्य निधि खाते में अधिक भुगतान का हवाला देते हुए भुगतान की राशि वसूली का आदेश जारी किया गया था. इस आदेश के खिलाफ महेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. शनिवार को वसूली आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.

ये है पूरा मामला:बिलासपुर के दूसरी बटालियन में सहायक प्लाटून कमांडर के पद से महेन्द्र सिंह रिटायर हो गए. रिटायर होने के 3 माह बाद महेंद्र सिंह को उनके विभाग की ओर से गलती से याचिकाकर्ता के भविष्य निधि में अधिक भुगतान राशि जमा हो जाने की बात कही गई. साथ ही उनके खाते से 2,68,590 रुपए की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया. इस आदेश के बाद वो मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए. महेन्द्र काफी दिनों तक अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटते रहे. लेकिन कहीं सुनवाई नहीं होने से परेशान उन्होंने वसूली आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की.

Teachers Promotion Ban Case: छत्तीसगढ़ में शिक्षक पदोन्नति पर रोक का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, 13 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
Bilaspur High Court: रेप केस में नेता प्रतिपक्ष के बेटे पलाश चंदेल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत, अदालत से सभी आरोप खारिज
CGPSC Recruitment Case:सीजीपीएससी भर्ती मामला, बिलासपुर हाईकोर्ट के सवाल पर छत्तीसगढ़ सरकार ने जांच के बाद जवाब देने की कही बात

याचिकाकर्ता ने दिया पहले हुए फैसलों का हवाला: रिटायर्ड सहायक प्लाटून कमांडर महेंद्र सिंह ने अपने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से कोर्ट में पुराने फैसलों को लेकर तर्क पेश किया. तर्क के अनुसार, साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टेट ऑफ पंजाब वर्सेस रफीक मसीह के केस का जिक्र किया गया. उसके अलावा साल 2022 में थॉमस डेनियल वर्सेस स्टेट ऑफ केरला और अन्य के वाद में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था. निर्णय के अनुसार किसी भी तृतीय श्रेणी के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति देयक से किसी भी तरह की वसूली नहीं की जा सकती. याचिकाकर्ता सहायक प्लाटून कमाण्डर के पद पर पदस्थ था, जो तृतीय श्रेणी का पद है. ऐसे में सेवानिवृत्ति देयक से किसी तरह की वसूली नहीं की जा सकती है.

कोर्ट ने वसूली के आदेश पर लगाई रोक: याचिकाकर्ता ने कोर्ट को विभागीय भविष्य निधि लेखापर्ची का रिकॉर्ड पेश किया. यह भी बताया कि याचिकाकर्ता के विभागीय भविष्य निधि खाते में नौ लाख पच्चीस हजार आठ सौ चौरानवे रुपये जमा हैं. उसके बाद भी गलत गणना करके याचिकाकर्ता के खिलाफ वसूली का आदेश जारी कर दिया गया. इस केस में कोर्ट ने वसूली के आदेश पर रोक लगा दिया है.

Last Updated : Sep 23, 2023, 9:28 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details