बिलासपुर :छत्तीसगढ़हाईकोर्ट ने जिला सहकारी बैंक में हुए 106 करोड़ रुपए के घोटाले पर संज्ञान लिया है.हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करके मुख्य सचिव, सचिव सामान्य प्रशासन, ईओडब्ल्यू के एडीजीपी से मामले में जवाब मांगा है. इन सभी से जांच करने के बाद कोर्ट में चालान पेश नहीं करने को लेकर व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है. कोर्ट ने इस मामले में चालान पेश करने में समय लगने का कारण पूछा है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.
Bilaspur High Court : सहकारी बैंक में 106 करोड़ का घोटाला मामला, हाईकोर्ट ने मांगी जांच एजेंसियों से रिपोर्ट - जिला सहकारी बैंक
Bilaspur High Court भ्रष्टाचार के इस मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने ईओडब्लू और एसीबी को चालान पेश करने के निर्देश दिए हैं.साथ ही जांच के बाद चालान पेश नहीं करने का कारण पूछा है.इस मामले में छत्तीसगढ़ शासन के सचिव, सचिव सामान्य प्रशासन और ईओडब्ल्यू के डीआईजी को शपथ पत्र देने के निर्देश मिले हैं.
जांच को लेकर लगाई गई थी याचिका : बिलासपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 2011 में तत्कालीन अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कथित भ्रष्टाचार किया था.जिसे लेकर कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिका में बताया गया है कि बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 106 करोड़ रुपए के घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन ब्यूरो जांच कर रही थी, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई. मामले में कोर्ट में चालान भी पेश भी नहीं किया गया.
क्या है मामला :26 अगस्त 2011 को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र पाण्डेय और सीएमओ बीएस बिसेन के खिलाफ शिकायत हुई थी.जिसमें 106 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप था.जिसकी जांच ईओडब्लू ने की. 27 अगस्त 2011 को थाना ईओडब्लू और एसीबी रायपुर ने एफआईआर दर्ज की थी. 11 साल के बाद भी 23 फरवरी 2022 को अध्यक्ष देवेंद्र पांडेय और सीईओ वीएस बिसेन के खिलाफ धारा 409 और 120 बी भारतीय दंड विधान धारा 7(सी) 13(1)(ए), 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था. इसके बाद इतना समय बीतने पर भी अब तक विवेचना पूरी कर चालान कोर्ट में पेश नहीं किया गया है.