बिलासपुर : रायगढ़ में रहने वाले युवक एक साथ दो सरकारी संस्थाओं में नौकरी कर रहा था. मामले की जानकारी लगने के बाद युवक के खिलाफ हुए एफआईआर के बाद वह फरार हो गया है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने रेलवे और लोक निर्माण विभाग में एक साथ नौकरी करने के आरोपी युवक की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया (bilaspur High court rejects bail plea ) है. आरोपी युवक ने रेलवे में काम करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया और पीडब्ल्यूडी में सब इंजीनियर बन गया. चयन होने के बाद वह दोनों विभागों में छह साल तक नौकरी करता रहा.जब यह मामला सामने आया, तब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. इस केस में फरार आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई (bail plea of accused doing two government jobs ) थी.
दो सरकारी संस्थाओं में नौकरी करने वाले को झटका, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज - two government jobs in raigarh
bilaspur High court rejects bail plea बिलासपुर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक अलग तरह का मामला सामने आया जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए. जहां लोगों को अदद एक सरकारी नौकरी नही मिल रही है वही एक व्यक्ति एक साथ दो सरकारी विभागों में ड्यूटी दे रहा है और दोनों जगहों से तनख्वा भी उठाता रहा. मामले की जानकारी लगने पर एफआईआर दर्ज हो गया है. इस मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.
ये है पूरा मामला :रायगढ़ के विनोबा नगर में रहने वाले संतोष कुमार कश्यप रेलवे में टेक्निकल ग्रेड- 3 के पद पर कार्यरत था. तभी 30 नवंबर 2007 को लोक निर्माण विभाग में सब इंजीनियर के लिए भर्ती विज्ञापन जारी हुआ. विज्ञापन के आधार पर वह भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया, और उसका चयन पीडब्ल्यूडी विभाग में सब इंजीनियर के पद पर हो गया. फिर उसने वर्ष 2008 में लोक निर्माण विभाग में जॉइन भी कर लिया, लेकिन रेलवे की नौकरी से उसने इस्तीफा नहीं दिया था. करीब छह साल तक आरोपी संतोष दोनों विभाग में एक साथ नौकरी करता रहा. मामला उजागर होने पर उसने तब इस्तीफा दिया, जब उसके दो सरकारी विभाग में एक साथ नौकरी करने की शिकायत की गई, उसने 2014 में रेलवे से इस्तीफा दे (two government jobs in raigarh ) दिया.
धोखाधड़ी का केस दर्ज : मामले का खुलासा होने के बाद उसके खिलाफ रायगढ़ के चक्रधर नगर थाने में धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया. केस दर्ज होने के बाद आरोपी युवक फरार हो गया. आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए पहले 8 मार्च 2016 को हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसने कुछ समय पहले फिर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने केस डायरी और जांच रिपोर्ट में पाया कि उसने रेलवे से वर्ष 2014 में इस्तीफा दिया था, जबकि उसने वर्ष 2008 में ही पीडब्ल्यूडी में जॉइन कर लिया था. इसके आधार पर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया है.