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रेडी टू ईट मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट से बघेल सरकार को राहत, पक्ष में सुनाया फैसला - बिलासपुर हाईकोर्ट का रेडी टू ईट मामले में फैसला

रेडी टू ईट मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने बघेल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया (Bilaspur High Court decision in ready to eat case ) है. अब ऑटोमेटिक मशीन से रेडी टू ईट का निर्माण होगा. जिससे काम ज्यादा आसान हो जाएगा.

Bilaspur High Court
बिलासपुर हाईकोर्ट में रेडी टू ईट का मामला

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Published : Apr 28, 2022, 7:38 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट मामले में राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया (Bilaspur High Court decision in ready to eat case ) है. दरअसल, रेडी टू ईट को मैनुअल प्रोडक्शन की बजाए मशीन से निर्माण का कैबिनेट में फैसला लिया था. इसके खिलाफ स्व-सहायता समूहों ने हाई कोर्ट में इस फैसले को चैलेंज किया था. कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही मानकर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

ऑटोमेटिक मशीन से होगा काम: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट निर्माण को लेकर राज्य शासन के फैसले को सही ठहराया है. इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से दायर करीब 287 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार के रेडी टू ईट के उत्पादन का काम ऑटोमेटिक मशीन से कराने का रास्ता साफ हो गया है. बीते दिनों कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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मशीन से आहार की व्यवस्था में होगा सुधार: राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को बांटे जाने वाले रेडी टू ईट पदार्थ का ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. इसके तहत रेडी टू ईट वितरण के काम को केंद्रीकृत करने का फैसला लिया गया है. पहले इसे महिला स्व-सहायता समूह किया करते थे. शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व-सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की थी. इसके साथ ही अलग-अलग स्व-सहायता समूह की ओर से करीब 287 याचिकाएं दायर की गई थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू ईट को अब ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया था. बीते 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा.

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