बिलासपुर: धमतरी में निजी जमीन का मुआवजा दिए बिना सड़क बनाने की कोशिश करने के मामले में सोमवार को हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग पर स्टे दे दिया है. साथ ही निगम को मामले पर अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है यानी जो सड़क जबरन बनाई जा रही थी, उस पर रोक लगा दी गई है. साथ ही कोर्ट ने नगर निगम के अधिकारियों और महापौर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने नजूल राजस्व अधिकारी से सीमांकन कराने का भी आदेश जारी किया है.
Bilaspur High Court: धमतरी में बिना मुआवजा दिए बन रही थी सड़क, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, नगर निगम और महापौर को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
Bilaspur High Court सरकारी विभागों की मनमानी के किस्से अक्सर देखने सुनने को मिलते रहते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में तो इनके फैसले कई बार किसानों का बड़ा नुकसान कर डालते हैं. ऐसा ही एक मामला धमतरी से आया है. मुआवजा दिए बिना ही नगर निगम धमतरी निजी जमीन पर सड़क बनाने लगा. पीड़ित ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो अब न्याय की उम्मीद जगी है.
जानिए कहां का और क्या है पूरा मामला:धमतरी नगर निगम क्षेत्र में रहने वाली कुमारी उरमाल मुंजवानी की जमीन सुभाष नगर कांटा तालाब के पास है. नगर निगम धमतरी ने इस पर सड़क बनाने की कवायद शुरू कर दी है. नगर निगम धमतरी की ओर से निजी जमीन पर अवैध और गैरकानूनी रूप से कब्जा कर ट्रैक्टर व जेसीबी का इस्तेमाल करते हुए सड़क निर्माण करना शुरू कर दिया है. इस मामले की जानकारी लगते ही उरमाल मुंजवानी ने निगम को रोकने का प्रयास किया, लेकिन निगम नहीं माना. इस पर उरमाल मुंजवानी ने एडवोकेट आरएस पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई और स्टे आर्डर दिया गया.
कोर्ट ने सीमांकन करने का भी दिया निर्देश:छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूरे मामले में अपना अंतरिम आदेश जारी किया है. कोर्ट ने जारी आदेश में कहा है कि आवेदन करने वाले की निजी जमीन पर नगर निगम द्वारा यथास्थिति बनाया जाय. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अंतिम फैसला करते हुए सीमांकन कराने का भी आदेश दिया है. सीमांकन नजूल एवं राजस्व अधिकारी की ओर से किया जाएगा. सीमांकन के समय नगर निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे. साथ ही कोर्ट ने निगम के अधिकारियों और महापौर को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए निर्देशित किया है.