गौरेला पेंड्रा मरवाही: प्रधानमंत्री (PM modi) द्वारा जारी स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के अंतर्गत शौचालय निर्माण (Construction of toilets)को लेकर कई मुहिम चलाए गए. ताकि लोग शौच के लिए बाहर न निकले. हालांकि आज भी कई लोगों को घर के बाहर खेत में जाकर शौच करना पड़ रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही (Gourela Pendra Marwahi) में शौचालय की राशि घोटाला (Toilet money scam) सामने आया है. इतना ही नहीं कागजातों में भी शौचालय बना हुआ बताकर राशि गबन कर दी गई है.
खुले में शौच मुक्त के लिए केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय निर्माण की यौजना वर्षों पहले बनाई थी. ताकि महिलाओं व बच्चों को खुले में या फिर खेत में जाकर शौच न करना पड़े. हालांकि शौचालय निर्माण की राशि में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं, इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है. पर ये लोग कागजों में शत प्रतिशत शौचालय निर्माण दर्शा कर घोटाला कर रहे हैं.
गौरेला जनपद पंचायत के कोरजा गांव की घटना
छत्तीसगढ़ के गौरेला जनपद पंचायत का कोरजा गांव, जहां स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीणों के घर में शौचालय का निर्माण पंचायत के द्वारा कराया तो गया लेकिन कागजो पर. यहां पंचायत के सरपंच, सचिव ने सांठगांठ करते हुए कई ग्रामीणों के घरों में शौचालय निर्माण नहीं कराया है कागजों में शौचालय निर्माण दिखाकर लाखों रुपए की राशि का घोटाला किया है.
खुले में शौच को मजबूर महिलायें
इस बारे में ग्रामीण रिंकी का कहना है कि घर में आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है, जिसके कारण हम आज भी पूरे परिवार के साथ खुले में शौच करने को मजबूर हैं. खुले में शौच के दौरान हमें शर्मिंदगी भी महसूस होती है. लेकिन शौचालय ना होने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं गांव की एक अन्य महिला रामवती पोर्ते ने पंचायत के पदाधिकारियों की शौचालय निर्माण में किये भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए बताया कि पंचायत के पदाधिकारियों ने शौचालय निर्माण स्वयं कर लेने की बात कही थी. जिस पर हमारे द्वारा शौचालय का निर्माण करा तो लिया गया लेकिन शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि आज तक उन्हें नहीं मिली. मेरे जैसे गांव के 29 और लोग हैं, जिनके लाखों रुपये अब तक नही मिले, जबकि सभी लोगों का पैसा आहरण पंचायत पदाधिकारीयों के द्वारा गायब कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ को साल 2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का है लक्ष्य, कितनी पुख्ता है तैयारी !
अधिकारी बैंक में पैसे ट्रांसफर की बात कहकर देते हैं टाल
इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि गांव के जनप्रतिनिधियों से मामले की जानकारी ली जाती है तो वो ये कहकर जाने को कहते हैं कि बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर हो जाएगी. सरकारी पैसा है थोड़ा लेट जरूर होगा. इधर, शौचालय निर्माण में हुए भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत ग्रामीणों ने जिले के आला अधिकारियों को किया. जिस पर प्रशासन हरकत में आयी और गांव में पहुंच कर जांच शुरू कर दिया. वहीं, जनपद पंचायत के सीईओ ने बताया कि शौचालय की राशि में अनियमितता पाए जाने पर रिकवरी की कार्यवाही की जा रही है. साथ ही लगातार पंचायत में की जा रहे हो अनियमितता के कारण पंचायत सचिव को स्थानांतरण करने के लिए उच्च अधिकारी को प्रस्ताव भी दिया गया है.
पहले भी मिल चुकी है इसकी शिकायत
बहरहाल, जीपीएम जिले में ये कोई पहला मामला नही है, जहां ग्राम पंचायत स्तर पर इस तरह से भ्रष्टाचार करते हुए बिना काम किये राशि गायब कर लिया जाता है. इसके पूर्व भी शौचालय निर्माण में कई गांवों में भ्रष्टाचार के मामले देखे गए हैं, लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि मामले में जांच के बाद जवाबदार अधिकारी कार्यवाही करते हैं या फिर ऐसा मामला यूं ही चलता रहेगा.