छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

SPECIAL: दाने-दाने को मोहताज भीख मांगकर गुजारा करने वाले लोग, कौन ले सुध ?

कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में है. इससे हर कोई परेशान है और लॉकडाउन ने रोजगार पर ब्रेक लगा दिया है, ऐसे में भीख मांगकर गुजारा करने वाले लोगों का बुरा हाल है. ETV BHARAT ने अपने सामाजिक सरोकारों का निर्वाह करते हुए इनका हाल जाना.

beggars-are-troubled-by-hunger-due-to-lock-down-in-bilaspur
वायरस ने छीनी रोटी

By

Published : Apr 30, 2020, 4:02 PM IST

Updated : May 1, 2020, 7:13 AM IST

बिलासपुर: 'मुट्ठी-भर दाने को... भूख मिटाने को... मुंह फटी, पुरानी झोली का फैलाता... दो टूक कलेजे के करता... पछताता पथ पर आता. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की इस चर्चित कविता 'भिक्षुक' को आपने स्कूल में पढ़ा होगा. इसमें कवि ने एक भिक्षुक की दयनीय व्यथा का बखूबी वर्णन किया है. जब सामान्य दिनों में भिक्षकों की ये हालत रहती है, तो फिर लॉकडाउन में इनकी क्या हालत है, ये तो आप समझ ही सकते हैं.

दाने-दाने को तरस रहे 'भिक्षुक'

आज लॉकडाउन में हर किसी की आर्थिक स्थिति डंवाडोल है. ऐसे में दूसरों से मांगकर गुजारा करने वाले इन भिक्षुकों की जिंदगी रुक सी गई है. इस लॉकडाउन में भीख मांगकर गुजारा करने वाले लोग एक-एक दाने के लिए तरस गए हैं. भूख से इनके होठ सूख रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

प्रशासन से मदद की गुहार

पढ़ें: SPECIAL: पलायन को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर, बस चले जा रहे हैं

भूखे पेट सोने को मजबूर

भीख मांगकर गुजारा करने वाले ये लोग कस्बों और शहरों की ऐसी सार्वजनिक जगहों पर रहते हैं, जहां लोगों की भीड़ होती है, ताकि उनके इर्द-गिर्द गुजरने वाले लोगों की इन पर नजर पड़े और वे इन्हें कुछ पैसे या खाना दे दें, जिससे इनका गुजारा हो सके.

भूखे पेट सोने को मजबूर

ETV BHARAT ने लिया जायजा

इन भिक्षुकों के हालातों का जायजा लेने जब ETV भारत की टीम सड़कों पर निकली, तो इनकी मजबूरी साफ नजर आई. प्रशासन के वायदे यहां खुद पर आंसू बहा रहे थे. यहां ये भिक्षुक भूखे पेट सोए हुए नजर आए. इनकी आंखें और पेट दोनों धंसे हुए थे.

कोई नहीं सुध लेने वाला

पढ़ें: लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों का अंतहीन दर्द, भूखे-प्यासे सफर करने को मजबूर

खाने को भी तरसे

इनमें से कुछ भिक्षुक ऐसे भी हैं, जो मानसिक और शारीरिक रूप से भी लाचार हैं. ये खाना नहीं मिलने के कारण पिछले कई दिनों से भूखे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इन पर कोई ध्यान नहीं दे रही.

कोरोना वायरस ने बनाया मोहताज

दो वक्त की रोटी के लिए हाथ फैलाकर भीख मांगने वालों की आज हालत ऐसी हो गई है कि ये किसी से कुछ मांग भी नहीं सकते. इस बेरहम कोरोना वायरस ने किसी को उनकी मदद के लायक भी नहीं छोड़ा.

Last Updated : May 1, 2020, 7:13 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details