बिलासपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अंधविश्वास चरम पर है. ऐसा ही एक मामला रतनपुर थाना क्षेत्र में आया. जहां मनोरोगी ग्रामीण का इलाज अस्पताल में चल रहा था. उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिवार वाले उसे बैगा के पास ले गए तो बैगा ने 4 दिन तक अपने घर में रखकर उसे गर्म त्रिशूल से दागता रहा. इसके बाद उसे घर भेज दिया. जलने से युवक के शरीर में इंफेक्शन हो गया और 4 दिन बाद उसकी मौत हो गई.
गर्म त्रिशूल से शरीर पर 20 बार दागा: रतनपुर पुलिस के अनुसार 30 अक्टूबर को ग्राम पोड़ी के सरपंच ने पुलिस को सूचना दी कि गांव के ही टेकूराम निर्मलकर उम्र 35 वर्ष की संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर मौत हो गई. उसके पूरे शरीर में जलने के निशान बने हुए हैं. घरवाले उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी में लगे हैं. सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उसके घर पहुंची. मृतक के शरीर को देखा जिस पर 20 से ज्यादा जगह पर जलने के निशान थे. पूछताछ में मृतक की पत्नी ने बताया कि "पिछले 4 माह से पति की मानसिक स्थिति खराब थी. वह अस्पताल में उसका इलाज करा रही थी. बावजूद उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा था. इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि उनके रिश्तेदार मल्हार चौकी क्षेत्र के जुनवानी में रहने वाले लीला रजक झाड़ फूंक का काम करता है. उसे ठीक कर देगा. उसने बैगा से बातचीत की तो लीला रजक ने ठीक करने का आश्वासन देते हुए अपने घर लेकर आने का कहा. 23 अक्टूबर को पति टेकूराम निर्मलकर को लेकर उसके घर पहुंची. 26 अक्टूबर तक बैगा ने दोनों को अपने ही घर पर रख झाड़फूक कर त्रिशूल से जलाता रहा. बैगा ने बताया कि 27 अक्टूबर को स्वास्थ्य में सुधार हो जाएगा और वापस घर भेज दिया."