बिलासपुर: मरवाही के सियासी घमासान में जेसीसीजे को डबल झटका लगा है. अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र राज्य स्तरीय जांच समिति ने निरस्त कर दिया है. जिसके बाद मरवाही विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में अमित जोगी का नामांकन भी रद्द हो गया है. इसके बाद अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया है. इससे पहले मुंगेली जिला स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया था.
अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त बघेल सरकार और निर्वाचन अधिकारी पर बरसे अमित जोगी
अमित जोगी ने नामांकन रद्द होने के बाद बघेल सरकार पर निशाना साधा. जोगी ने कहा कि देश विधि और संविधान से चलता है. बदलापुर और जोगेरिया से नहीं. वो सोचते हैं कि कुश्ती अकेले लड़ेंगे और खुद ही जीतेंगे. जनता को इतना बेबस और बेवकूफ नहीं समझना चाहिए. अमित जोगी ने सीएम बघेल पर सीधा हमला किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर मेरा नामांकन खारिज कराना स्वर्गीय अजीत जोगी और मरवाही की जनता का अपमान है. अपनी पूरी ताक़त झोंक देने के बाद बस यही वो हथकंडा था जिससे मुख्यमंत्री चुनाव में दिख रही अपनी निश्चित पराजय को टाल सकते थे.
अमित जोगी यहीं नहीं थमे उन्होंने बघेल सरकार पर जोगी परिवार का अपमान करने का आरोप लगाया. जूनियर जोगी ने कहा कि जिसके सिर पर जनता और गरीबों का हाथ होता है वह कभी अनाथ नहीं हो सकता.
अमित जोगी ने पूरे मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और जनता की अदालत पर मुझे पूरा भरोसा है. हमेशा की तरह जोगी परिवार के साथ न्याय होगा.
छानबीन समिति ने वैधानिक प्रक्रिया के तहत लिया फैसला: मंत्री रविंद्र चौबे
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 20-25 साल से छानबीन समितियां जाति के मामले को लेकर निर्णय देती रही है. लेकिन कई बार न्यायालय के माध्यम से इस पर स्टे दे दिया गया. तो कभी छानबीन समिति के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया गया. छानबीन समिति के निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी गई. चौबे ने कहा कि छानबीन समिति अपना काम करती है, न्यायालय अपना काम करती है. इस केस में भी निर्णय को लेकर कोर्ट में अपील की जा सकती है.
बीजेपी ने की साफ सुथरी चुनाव प्रक्रिया की वकालत
मरवाही विधानसभा उपचुनाव के लिए अमित जोगी की जाति मामले को लेकर नामांकन रद्द करने पर बीजेपी ने भी आपत्ति जताई है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि 'हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए, चुनाव स्वतंत्र होना चाहिए, चुनाव से डरना नहीं चाहिए. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चुनाव से किसी को भागना नहीं चाहिए. जो कुछ नॉमिनेशन के समय जाति प्रमाण पत्र का मामला चल रहा है, यह नैतिक रूप से उचित नहीं है. हम पहले दिन से कह रहे हैं कि कांग्रेस को यह लग रहा है कि वह चुनाव नहीं जीत पाएंगे. यही वजह है कि कांग्रेस ने मरवाही उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है.
जोगी कांग्रेस को डबल झटका अमित जोगी की जाति का मामला और उससे जुड़े तथ्य
- भाजपा नेता समीरा पैकरा और आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को अविलंब रद्द करने की मांग की थी.
- शिकायत में 2019 में हाई पावर कमेटी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के निर्णय के साथ ही अमित जोगी के जन्म स्थान को लेकर FIR का भी जिक्र किया गया था.
- शिकायत पत्र में कहा गया था कि इसमें नियमों की अनदेखी और दस्तावेजों की जांच किए बिना ही अमित जोगी को जाति प्रमाण पत्र 2 दिन में जारी कर दिया गया था.
- आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने 17 जून को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर को आवेदन देकर मामले में अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने की मांग की थी.
जोगी कांग्रेस को डबल झटका
अजीत जोगी पर भी चला था फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला
- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की जाति के मामले में हाई-पावर कमेटी की रिपोर्ट में उन्हें आदिवासी नहीं माना गया था.
- इसके बाद छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था.
- साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार को पूर्व आईएएस अधिकारी जोगी की जाति का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे.
- जून, 2017 में कमेटी ने अपनी जांच में जोगी को आदिवासी नहीं माना. इसके खिलाफ जोगी हाईकोर्ट पहुंच गए. 2018 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दूसरी बार उच्चाधिकार स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया था.
ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित, नामांकन रद्द
- ऋचा जोगी जाति प्रमाणपत्र प्रकरण में शिकायतकर्ता संतकुमार नेताम की तरफ से कैवियट फाइल की गई थी.
- इस मामले में संतकुमार नेताम ने मुंगेली के जिला स्तरीय जाति छानबीन समिति के अध्यक्ष को भी शिकायत की थी.
- संत कुमार नेताम ने ऋचा जोगी पर गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाते हुए इसे जल्द निरस्त करने की मांग की थी.
- इस संबंध में जिलास्तरीय छानबीन समिति ने 29 सितंबर को नोटिस जारी कर 8 अक्टूबर तक ऋचा से जवाब मांगा था, लेकिन ऋचा की जगह उसके भाई छानबीन समिति के समक्ष उपस्थित हुए.
- ऋचा जोगी को दोबारा नोटिस भेजा गया. नोटिस में उन्हें 12 अक्टूबर तक जवाब मांगा था.
- ऋचा जोगी ने छानबीन समिति के समक्ष खुद उपस्थित होने के बजाय ईमेल के जरिए अपना जवाब भेजा.
- ऋचा जोगी के भाई ऋषभ साधू ने जवाब लेकर सत्यापन समिति के सामने पेश हुए. उन्होंने मांगे गए सारे दस्तावेज सत्यापन समिति के समक्ष प्रस्तुत किए.
- जिला स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया.
अब आगे क्या हो सकता है?
अमित जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद अमित जोगी कोर्ट का रूख कर सकते हैं. वहीं ऋचा जोगी का भी नामांकन रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अब ये देखना होगा कि जोगी कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा. इस मामले में जोगी परिवार कोर्ट में भी जा सकते हैं. इस मामले में देखना होगा कि कोर्ट से जोगी परिवार को कितनी राहत मिल पाती है.