बीजापुर: तेंदूपत्ता को हरा सोना यानी ग्रीन गोल्ड कहा जाता है. बस्तर के वनांचल के लोगों के लिए तेंदूपत्ता रोजगार का जरिया है. मई महीने के पहले हफ्ते में तोड़े जाने वाला तेंदूपत्ता की पूरे देश में मांग है. यह वनोपज उन्नत किस्म का माना जाता है. ग्रामीणों को जल्द से जल्द इसका फायदा मिले, इसके लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने बीजापुर सहित दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर के तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को नकद भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया है. अब इन इलाकों के ग्रामीणों को तेंदूपत्ता का नकद भुगतान होगा.
'हरा सोना' से बदलेगी दंतेवाड़ा के वनांचल के ग्रामीणों की तकदीर
विधायक ने लिखा था पत्र
बीजापुर विधायक और बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी ने 12 मई को प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा को एक पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में तेंदूपत्ता हितग्राहियों को नकद भुगतान किए जाने की मांग रखी थी. उन्होंने पत्र के जरिए बस्तर के वनांचल इलाकों में बैंकिंग व्यवस्था और कोरोना के हालातों की विस्तार से जानकारी दी थी. सरकार ने इस मांग पर ध्यान दिया. शाम होते-होते ही मामले में आदेश जारी कर दिया गया है. बता दें इससे ग्रामीणों को भुगतान के लिए बैंक के चक्कर काटने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
विधायक ने किया धन्यवाद
विधायक विक्रम मंडावी ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए सीएम भूपेश बघेल, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और उद्योग मंत्री कवासी लकमा का जिले वासियो की ओर से आभार व्यक्त किया है. विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि 'प्रदेश सरकार के इस निर्णय से बीजापुर जिले के 28 समितियों के 517 फड़ों में तेंदूपत्ता तोड़े जाने वाले 41125 संग्राहकों को नकद भुगतान का सीधा लाभ मिलेगा. प्रति मानक बोरा 4000 रुपए की दर से वर्ष 2021 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य 80500 मानक बोरा निर्धारित किया गया है.'