बीजापुर: सरकार स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और भवनों की कायाकल्प के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर देती है. इसके बाद भी स्कूल में सुधार होता नजर नहीं आ रहा.भले ही सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का दम भर रही हो लेकिन स्कूलों की हालत में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा. जिले में कई स्कूल झोपड़ी में संचालित हैं तो कई स्कूलों के मरम्मत का टोटा लगा हुआ है.
'जर्जर सिस्टम' के बीच गढ़ रहा भविष्य, कब सुध लेगी सरकार
बीजापुर के एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली स्कूल में मासूम अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.
जर्जर शिक्षा व्यवस्था
ऐसा ही एक स्कूल भोपालपटनम ब्लॉक के नलमपल्ली में है, जहां की जर्जर और बदहाल बिल्डिंग में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है. कभी भी यह जर्जर इमारतें जमींदोज होकर मासूमों की जिंदगी छीन सकती हैं. बारिश में छत से पानी टपकता है. मासूम अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है बावजूद इसके अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की गई चर्चा
जिला पंचायत सदस्य ने इस बात को कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर स्कूल को शीघ्र बनाने की मांग की है, देखना है कि स्कूल की मरम्मत होगी या जोखिम भरे भवन में ही बच्चे पढ़ते रहेंगे.