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न होगा जगराता न मिलेगा भोग, इन नियमों के तहत होगा माता का आगमन

बीजापुर कलेक्टर ने नवरात्र में मूर्ति स्थापना और पंडाल के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर ने मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए विभिन्न शर्ते निर्धारित की है, जिसका उल्लंघन करने पर समिति पर कार्रवाई की जाएगी.

Bijapur Collector
बीजापुर कलेक्टर

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Published : Sep 28, 2020, 1:55 PM IST

बीजापुर:जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस बीच नवरात्र का पर्व आने वाला है. जिला कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने इसे लेकर दिशा- निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर ने मूर्ति और पंडाल के संबंध में निर्देश जारी किया है.

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नवरात्र का पर्व शुरू होने वाला है. लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने पंडाल को लेकर निर्देश जारी किए हैं. घर के बाहर मूर्ति स्थापित किए जाने से कम से कम सात दिन पहले नगरपालिका पंचायत के संबंधित जोन कार्यालय में शपथ पत्र देना होगा और अनुमति मिलने के बाद मूर्ति स्थापित की जाएगी. पंडालों के लिए पहले आओ पहले पाओ की नीति अपनाई जाएगी.

कलेक्टर के दिशा निर्देश-

  • मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 6×5 फीट से अधिक न हो.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 ×15 फीट से अधिक न हो.
  • पंडाल के सामने कम से कम 3 हजार वर्ग फीट की खुली जगह हो जिसमें कोई भी सड़क और गली न हो.
  • एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम न हो.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए पृथक से पंडाल होना आवश्यक है. दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाए जाएंगे.
  • किसी भी एक समय में पंडाल एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हो.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति और समिति को रजिस्टर रखना आवश्यक होगा.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा, ऐसा पाए जाने पर संबंधित व समिति के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के समय किसी भी प्रकार का भंडारा, जगराता और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के समय और विसर्जन के साथ प्रसाद एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंध होगा.
  • मूर्ति विसर्जन के बाद में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा झांकी को अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होंगे.
  • सूर्यास्त के बाद और सूर्योेदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.

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