बेमेतरा: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM (बिहान) अन्तर्गत विकासखण्ड साजा के ग्राम पंचायत टिपनी की जय महामाया महिला स्वसहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर रही है. स्वसहायता समूह की महिलाएं ग्रामीणों को पारंपरिक खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रही हैं.
स्वसहायता समूह से जुड़े सदस्यों का मानना है कि वर्मी कम्पोस्ट खाद रासायनिक खाद की अपेक्षा भूमि के लिए ज्यादा उपयोगी है. इससे भूमि को कोई नुकसान नहीं होता है, बल्कि इसके उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, साथ ही फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है.
खाद बनाने का दे रहे प्रशिक्षण
ग्राम टिपनी की महामाया स्वसहायता समूह पिछले 7 महीनों से जैविक खाद बनाने का काम कर रही है. समूह के सदस्य ग्रामीणों को पारंपरिक खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.
खाद बनाने से समूह को हो रहा फायदा
जिला कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभी तक स्वसहायता समूह ने 14 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर 10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से ग्राम पंचायत के ही किसानों को 14 हजार रुपए में विक्रय किया है. साथ ही 4 ट्रॉली बेस्ट डी कम्पोस्ट खाद (उपचारित गोबर खाद) की खरीदी 2 हजार 500 प्रति ट्राली की दर से 10 हजार रुपये का ग्राम पंचायत टिपनी के ही किसानों ने ही स्व-सहायता समूह से लिये है.
खेतों में प्राकृतिक खाद का छिड़काव
किसानों नेे इन कम्पोस्ट खाद की खरीदी कर अपने खेतों और बाड़ी में किए गए फसल उत्पादन में इस प्राकृतिक खाद का छिड़काव कर रही है. जो बोये गये फसलों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है.