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बेमेतरा: सूख गए जलाशय, खराब पड़े हैं हैंडपंप, जल बिन कैसे चलेगा जीवन

गर्मी के साथ-साथ इस साल पानी की समस्या लोगों को परेशान कर सकती है. जिले में 51 जलाशय हैं लेकिन किसी भी जलाशय में पानी नहीं बचा है.

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Published : Mar 29, 2019, 11:50 AM IST

Updated : Mar 29, 2019, 1:01 PM IST

बेमेतरा: गर्मियों के साथ-साथ इस साल पानी की समस्या लोगों को परेशान कर सकती है. जिले में 51 जलाशय हैं लेकिन किसी भी जलाशय में पानी भी नहीं बचा है. समय रहते इस समस्या से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए जिस वजह से आम जनता के साथ ही अन्नदाताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं.

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समय रहते संबंधित अधिकारियों द्वारा जलाशयों को भरने के लिए कोई भी उपाय नहीं किए गए हैं. जिले में जलभराव नहीं होने से जलाशय अनुपयोगी साबित हो रहे हैं और बंजर में तब्दील हो गए हैं. ऐसे में रबी फसलों की स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है.


सिंचाई के लिए साधन नहीं
जिले में सिंचाई सुविधा का अभाव किसानों के लिए बड़ी समस्या है. समय पर सिंचाई के लिए पानी मिल सके इसके लिए कई गांवों के बीच करोड़ों की लागत से बड़े तालाब और जलाशय बनाए गए. लेकिन विभागीय अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण इन जलाशयों से एक एकड़ की फसल की भी सिंचाई नहीं हो पा रही है.


हैंडपम्प का भी हाल बेहाल
इतना ही नहीं जिले में जलाशयों के साथ ही सरकारी हैंडपम्प का भी हाल बेहाल है. गांवों की बात तो दूर नगर के कई वार्डों में भी जलसंकट है. वार्ड 21 मस्जिद पारा, ब्राह्मण पारा और कोबिया में पेयजल के लिए टैंकर पहुंच रहे हैं.


400 से ज्यादा हैंडपम्प खराब
कम बारिश के कारण नवागढ़ ब्लॉक की स्थिती सबसे खराब है. यहां पीएचई विभाग द्वारा 922 हैंडपम्प लगाए गए थे, जिसमें करीब 400 से ज्यादा हैंडपम्प ने जवाब दे दिया है. ब्लॉक के मारो संबलपुर क्षेत्र में पेयजल की समस्या गरमियों के पहले ही शुरू हो गई है.


कलेक्टर ने दिए समस्या से निपटने के आदेश
इस संबंध में कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा कि संबंधित विभाग की बैठक की गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पेयजल संकट से निपटने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं. अब देखना ये है कि प्रशासन इस समस्या से कैसे निपटता है.

Last Updated : Mar 29, 2019, 1:01 PM IST

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